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Tenant Rights : अब मकान मालिक नहीं कर पाएगा परेशान, किराएदार जान लें कानून

tenant rights in india : आज के समय में होम लोन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन फिर भी अपने घर का सपना पूरा करना सबके लिए आसान नहीं है। खासकर जो लोग छोटे शहरों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर या अन्य मेट्रोपॉलिटन शहरों में नौकरी के लिए आते हैं, उन्हें कई वर्षों तक किराए के मकान में रहना पड़ता है। इस दौरान कई बार मकान मालिक उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं, जिससे किराएदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो मकान मालिक बिना किसी सूचना के अचानक मकान खाली करने या किराया बढ़ाने के लिए दबाव डालते हैं। इसलिए, अगर आप भी किराए के मकान में रह रहे हैं, तो किराएदारों के अधिकारों को समझना बहुत जरूरी है। आइए नीचे खबर में जानते हैं - 

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Tenant Rights : अब मकान मालिक नहीं कर पाएगा परेशान, किराएदार जान लें कानून

My job alarm - दिल्ली, नोएडा और मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहना अपने आप में एक चुनौती है, खासकर उन लोगों के लिए जो किराए के मकानों में रहते हैं। किराएदारों को कई बार मकान मालिकों (tenant and landlord rights) के अनुचित व्यवहार या अत्यधिक किराए की मांग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में किराएदारों के पास अपने अधिकारों की जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और किसी भी तरह के शोषण से बच सकें। भारत में किराएदारों और मकान मालिकों के बीच संबंधों को संतुलित करने के लिए कानून बनाए गए हैं, जैसे कि रेंट कंट्रोल एक्ट (Rent Control Act) 1948। इस कानून के अंतर्गत दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित किया गया है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि किराएदारों और मकान मालिकों के लिए क्या-क्या नियम बनाए गए हैं। 

मकान मालिक की अनुचित किराए की मांग पर क्या करें?

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि किराए पर मकान (House Rent Tips) लेने के बाद मकान मालिक कुछ समय बाद तयशुदा किराए से अधिक की मांग करने लगते हैं। यह स्थिति खासकर दिल्ली, Noida और मुंबई जैसे महंगे शहरों में सामान्य है। लेकिन रेंट कंट्रोल एक्ट 1948 के तहत मकान मालिक बिना किसी वैध कारण के किराए में मनमाना इजाफा नहीं कर सकता। यदि मकान मालिक अनुचित तरीके से किराया बढ़ाने की मांग करता है, तो किराएदार इसके खिलाफ शिकायत कर सकता है। इसके लिए किराएदार को कलेक्ट्रेट ऑफिस के रेंट कंट्रोल डिवीजन में अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके अलावा, अगर मकान मालिक बिना पूर्व सूचना दिए किराएदार को घर खाली करने का दबाव बना रहा है, तो यह भी कानून के खिलाफ है, और किराएदार इसकी शिकायत कर सकता है।

किराएदार द्वारा किराया न देने की स्थिति में मकान मालिक की सुरक्षा


किराएदारों की तरह ही मकान मालिकों के भी अपने अधिकार होते हैं। यदि कोई किराएदार समय पर किराया नहीं देता है, तो मकान मालिक भी रेंट कंट्रोल एक्ट (Rent Control Act) के तहत उसकी शिकायत दर्ज करा सकता है। यह कानून दोनों पक्षों के हितों की सुरक्षा करता है और सुनिश्चित करता है कि दोनों ही पक्ष एक संतुलित और निष्पक्ष वातावरण में रह सकें। मकान मालिक को यह अधिकार है कि वह अपनी संपत्ति से जुड़ी शिकायत को रेंट कंट्रोल डिवीजन में दर्ज करवा सके, ताकि उचित कानूनी कार्यवाही की जा सके।

किराएदार शिकायत कहां दर्ज करा सकते हैं?


किराएदारों (tenants rights) के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल यह होता है कि अगर मकान मालिक उन्हें परेशान करता है या अनुचित मांगें करता है, तो उन्हें क्या करना चाहिए। इस स्थिति में, किराएदार अपने शहर के कलेक्ट्रेट ऑफिस में रेंट कंट्रोल डिवीजन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह शिकायत लिखित रूप में होनी चाहिए और शिकायतकर्ता को अपनी पहचान के प्रमाण भी जमा करने होंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि दोनों पक्षों के बीच के विवाद का उचित समाधान निकाला जा सके।

सिक्योरिटी मनी का नियम


जब कोई व्यक्ति किराए पर मकान लेता है, तो मकान मालिक को एक निश्चित राशि सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करनी होती है। लेकिन यहां भी कानून के तहत नियम निर्धारित किए गए हैं। मकान मालिक किराएदार से केवल दो महीने के किराए के बराबर सिक्योरिटी मनी (security money) ही ले सकता है। इससे अधिक राशि की मांग करना गैरकानूनी है। इसके अलावा, यदि मकान मालिक किराया बढ़ाना चाहता है, तो उसे कम से कम तीन महीने पहले किराएदार को नोटिस देना होगा। मकान मालिक को मकान का निरीक्षण करने के लिए भी 24 घंटे पहले नोटिस देना अनिवार्य है।

 क्या मकान मालिक किराएदार को कभी भी निकाल सकता है?


यह सवाल कई लोगों के मन में होता है कि क्या मकान मालिक (landlord rights) किराएदार को बिना किसी कारण के घर से निकाल सकता है। इसका सीधा जवाब है – नहीं। रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत मकान मालिक किराएदार को बिना वैध कारण के घर से नहीं निकाल सकता। यदि मकान मालिक किराएदार को घर से निकालना चाहता है, तो उसे पहले किराएदार को नोटिस देना होगा और एक वैध कारण प्रस्तुत करना होगा। मकान मालिक के लिए यह जरूरी है कि वह किराएदार को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए नोटिस दे, ताकि किराएदार को पर्याप्त समय मिल सके और उसे अचानक बेघर न होना पड़े।

क्या मकान मालिक घर का अधिकार वापस ले सकता है?


रेंट कंट्रोल एक्ट केवल किराएदारों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करता, बल्कि मकान मालिकों के अधिकारों को भी संरक्षित करता है। यदि मकान मालिक को किसी निजी कारण से अपनी प्रॉपर्टी की जरूरत पड़ती है, तो वह कानूनी रूप से उस पर अधिकार वापस ले सकता है। इसके लिए मकान मालिक को किराएदार को पहले से सूचित करना होगा और एक निर्धारित समय के बाद प्रॉपर्टी (Property) को वापस लिया जा सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया भी कानूनी रूप से पूरी होनी चाहिए, ताकि दोनों पक्षों को न्याय मिल सके।
 

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