My job alarm

tenant landlord rights : कितने साल किराए पर रहने के बाद किरादार का हो जाएगा मकान, जानिये कानून

Rights of Tenant and landlord :आमतौर पर व्यक्ति एक घर को बनाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगा देता है। इसके बाद कई लोग उस घर  से एक्स्ट्रा इनकम पाने के लिए उसे किराये पर चढ़ा देते हैं। लेकिन कई बार मकान मालिक की एक छोटी सी भूल भारी पड़ जाती है। मकान मालिक की इन गलतियों के कारण किरायेदार उस मकान या प्रोपर्टी पर कब्जा (property rights of tenant and landlord) भी कर सकता है। ऐसे में असल मालिक अपनी प्रोपर्टी को हमेशा के लिए गंवा भी सकता है। इसलिए मकान को किराये पर चढ़ाने से पहले कुछ जरूरी बातों को जान लेना बेहद जरूरी है।

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tenant landlord rights : कितने साल किराए पर रहने के बाद किरादार का हो जाएगा मकान, जानिये कानून

My job alarm - (tenant landlord property rights): प्रोपर्टी में निवेश करना एक सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन कोई भी घर या प्रोपर्टी खरीदने के बाद जोखिम उस समय बढ़ जाता है, जब आप मकान को किराये पर चढ़ा देते हैं।चूंकि कई ऐसे मामले भी देखने में आए हैं जहां मकान मालिक की छोटी सी भूल या लापरवाही के कारण उस मकान पर किरायेदार  (property Rights of Tenant) का कब्जा हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय कानून में भी यह प्रावधान है कि अगर कोई किरायेदार किसी प्रॉपर्टी पर एक निश्चित अवधि तक किराये पर रहता है तो वो प्रॉपटी किरायदार की हो सकती है। 

 


मकान किराये पर देने से पहले इस नियमों का भी रखें ध्यान-

 

अगर आप किसी भी मकान या फिर प्रॉपर्टी को किराए पर देते हैं तो उससे पहले प्रोपर्टी के मालिक और किरायेदार के बीच एक किरायेदारी कॉन्ट्रैक्ट यानी रेंट एग्रीमेंट साइन कराया जाता है। इस एग्रीमेंट, में आपको किराये की राशि, पेमेंट का तरीका, अवधि, रिपेयरिंग की जिम्मेदारी जैसी कई अन्य जरूरी जानकारी ऑफर की जाती हैं। इस एग्रीमेंट (Rent agreement kya hota) पर किराएदार के भी अधिकार लिखे होते हैं। यह एग्रीमेंट एक तरह से मकान मालिक के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। इस एग्रीमेंट को बनाए जाने पर कोई भी किराएदार संपत्ति के मालिक (property Rights of landlord) के मालिकाना हक का उल्लंघन नहीं कर सकता है। वहीं मालिक भी एक निश्चित समय पर प्रॉपर्टी का किराया बढ़ा सकता है। 

किराएदार को मिल सकता है प्रॉपर्टी का मालिक बनने का हक-

कानून के नियमों के मुताबिक अगर कोई भी किराएदार एक निश्चित समय अवधि के लिए प्रॉपर्टी पर काबिज रहता है तो इसके बाद वो उस प्रॉपर्टी पर कब्जा (possession of property) कर सकता है। वहीं अगर मकान का मालिक इस पर मालिकाना हक को जताने के लिए नहीं आता है तो कुछ राज्यों की सरकार के द्वारा इस प्रॉपर्टी (property Rights of tenant) का मालिक बनने का अधिकार दे दिया जाता है। अगर इस प्रोसेस के कानूनी पक्ष की बात करें तो इसे एडवर्स पजेशन यानी विपरीत कब्जा भी कहा जाता है। एडवर्स पजेशन के बारे में अनुच्छेद 65 में भी स्पष्ट उल्लेख मिलता है।

जानिये क्या है एडवर्स पजेशन नियम-


एडवर्स पजेशन नियम (adverse possession) के अंतर्गत अगर कोई भी व्यक्ति प्रॉपर्टी पर अनुचित रूप से कब्जा कर लेता है या फिर सेम प्रोपर्टी पर लगातार 12 सालों तक रहता है तो इससे किराये पर रहने वाला व्यक्ति उस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है। अगर उस प्रॉपर्टी का मालिक प्रॉपर्टी पर कब्जे की कोशिश नहीं करता है, तो कानूनी तौर से किराएदार उस प्रॉपर्टी का हकदार बनाया जा सकता है। इसलिए आपको पहले ही सभी कानूनी पक्षों की जानकारी रखते हुए ही मकान या प्रोपर्टी को किराये पर देना चाहिए।

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