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Supreme Court : बिना कोर्ट जाए कैसे छुड़ाएं प्रोपर्टी से कब्जा, सुप्रीम कोर्ट ने बताया तरीका

Property Possession law : लोग अपने सपनों के घर को खरीदने के लिए जिंदगी भर की कमाई लगा देते हैं। लेकिन जब इस पर कोई कब्जा कर लेता है तो कई बार कानून भी इस में मदद नहीं कर पाता है। ऐसे में आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं सुप्रीम कोर्ट (supreme court) द्वारा बताए गए उसे तरीके के बारे में जिसके जरिए आप बिना कोर्ट जाए अपनी प्रॉपर्टी से कब्जा छुटवा सकते हैं।

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Supreme Court : बिना कोर्ट जाए कैसे छुड़ाएं प्रोपर्टी से कब्जा, सुप्रीम कोर्ट ने बताया तरीका

My job alarm (ब्यूरो) - हर कोई यही सपना देखता है कि उसका खुद का घर हो जमीन हो, इसके लिए व्यक्ति काफी मेहनत भी करता है। फिर सेविंग के जरिए अपना ये सपना पूरा तो कर लेते है लेकिन इसमें उनकी सारी पूंजी खर्च हो जाती है। दूसरा, लोग निवेश करने के लिए भी प्रोपर्टी का जरिया अपनाते है। अधिकतर लोग निवेश ही प्रोपर्टी में करते है क्योंकि लोगों का ये मानना है कि पैसों और गहनों की तरह इसे चोरी नही किया जा सकता है।

लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जमीन या मकान पर अवैध कब्जा भी हो जाता (illegal occupation of land) है, इससे लोग बेहद परेशान हो जाते हैं और उन्हें यह समझ नहीं आता कि क्या कदम उठाएं। इतना ही नही, पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामलों में तेजी आई है, और प्रॉपर्टी विवादों (Property disputes in India) से जुड़े कई मामले अदालतों में लंबित हैं, जिन पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। लेकिन अगर आपकी जमीन या घर पर किसी ने कब्जा कर लिया है, तो अब आपको घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। क्योंकि अब आप बिना कोर्ट गए और बिना कानूनी सहायता के भी अपनी प्रॉपर्टी से अवैध कब्जा (Illegal occupation) हटा सकते हैं। खबर मे जान लें कि कैसे...


अवैध कब्जे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला-
अवैध कब्जे के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (supreme court verdict on property possession) ने इस पर अपना एक अहम फैसला सुना दिया है।  प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे से संबंधित एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला आया है। इससे आपको ये पता चलेगा कि आप अपनी प्रॉपर्टी से कब्जाधारी को बिना अदालत की मदद के कैसे हटा सकते हैं।

इसी से संबंधित पूनाराम बनाम मोती राम मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति किसी अन्य की संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा नहीं कर सकता। और अगर कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा (property possession news) कर लेता है, तो पीड़ित पक्ष स्वयं बल प्रयोग करके उस कब्जे को हटा सकता है। हालांकि, यह आवश्यक है कि आप उस प्रॉपर्टी के वैध मालिक हों और उसकी टाइटल आपके नाम पर हो। आपका उस जमीन पर स्वामित्व होना जरूरी है। 


जान लें क्या है पूरा मामला-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूना राम बनाम मोती राम (land dispute) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि मान लो अगर आपके पास संपत्ति का टाइटल (Title of the property) है, तो आप 12 साल के बाद भी बलपूर्वक अपनी प्रॉपर्टी से कब्जा हटवा सकते हैं। इस बात के लिए आपको अदालत में कुछ मुकदमा दायर करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर प्रॉपर्टी का टाइटल आपके नाम पर है ही नहीं और कब्जा 12 साल से अधिक समय से है, तो आपको इसके लिए अदालत में केस करना होगा। इस तरह के मामलों के लिए स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 बनाया गया है।

प्रॉपर्टी से अवैध कब्जा हटाने के लिए स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट (Specific Relief Act) की धारा 5 में प्रावधान किया गया है। हालांकि, प्रॉपर्टी में विवाद के मामले में पहले स्टे प्राप्त करना चाहिए, ताकि कब्जा करने वाला व्यक्ति उस प्रॉपर्टी पर कोई निर्माण न कर सके (illegal occupation of property) या उसे बेच न सके। ये सबसे जरूरी और ध्यान देने वाली बात है। 


सबसे पहले जान लें क्या है स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 5?
आप अगर इसके बारे में जानकारी नही रखते है  आपको ये मालूम होना चाहिए कि स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 5 (Specific Relief Act rules) के अनुसार, अगर आपके पास प्रॉपर्टी का टाइटल हैऔर किसी ने उस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, तो आप उसे खाली कराने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत अदालत में मुकदमा दायर कर सकते हैं।


जमीन पर अवैध कब्जे का मामला
आज हम जिस मामले के बारे में बात कर रहे है वो राजस्थान के बाड़मेर जिले के पूना राम से जुड़ा हुआ है, जिसने सन् 1966 में एक जागीरदार से कई अलग-अलग जगहों पर जमीन खरीदी थी। जब पूना राम ने जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया, तो उसे पता चला कि उस जमीन पर मोती राम नामक व्यक्ति का कब्जा है, हालांकि इस जमीन से संबंधित मोती राम के पास कोई कानूनी दस्तावेज (legal documents of property) नहीं थे। इस पर पूना राम ने कब्जा छुड़ाने के लिए कोर्ट में केस दायर किया।


उसके बाद ट्रायल कोर्ट ने पूना राम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मोती राम को जमीन खाली करने का आदेश दिया। लेकिन मोती राम ने इस फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में अपील की, जहां हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए मोती राम के कब्जे को वैध ठहराया। इसके बाद पूना राम ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।


सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूना राम के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस भी व्यक्ति के पास जमीन का टाइटल है, वह उस जमीन का असली मालिक है और  वह बलपूर्वक कब्जा छुड़वा सकता है, भले ही कब्जा 12 साल पुराना ही क्यों न हो। मोती राम ने तर्क दिया था कि उसका 12 साल से ज्यादा समय से जमीन पर कब्जा है और लिमिटेशन एक्ट की धारा 64 (Section 64 Act) के अनुसार, ऐसे मामलों में कब्जा नहीं हटाया जा सकता।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून सिर्फ उन जमीनों पर लागू होता है जिनका कोई मालिक नहीं होता। जबकि, अगर जमीन का मालिक मौजूद है और उसके पास टाइटल (property title) है, तो 12 साल बाद भी कब्जा हटवाया जा सकता है।

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