60 साल पुराने पिता पुत्र के प्रोपर्टी विवाद में Supreme Court का बड़ा निर्णय, बताए पिता और बेटे के प्रोपर्टी अधिकार
Supreme Court Decision :ये तो आपको पता ही होगा की पिता की प्रोपर्टी में बेटा बेटी का बराबर का अधिकार है। लेकिन क्या पिता प्रोपर्टी बंटवारा (Property Division) करने से पहले ही अपनी प्रोपर्टी बेच सकता है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision on property rights) ने 53 साल पुराने मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पिता का अधिकार रेखांकित किया है।

My job alarm (supreme court decision on property) : कई बार ऐसे हालत बन जाते हैं कि व्यक्ति को अपनी प्रोपर्टी तक बेचनी पड़ जाती है। यूं तो पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में 4 पीढियों का अधिकार होता है, लेकिन क्या कोई एक पीढ़ी इस संपत्ति को बेच सकती है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्थिति क्लीयर की है।
हिस्सेदार नहीं दे सकता कोर्ट में चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने 60 साल पहले दायर एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पारिवारिक कर्ज चुकाने या कानूनी जरूरतों के लिए यदि परिवार का मुखिया (पिता) पैतृक संपत्ति (Ancestral Property Sell Right) बेचता है तो ऐसे में पुत्र और अन्य हिस्सेदार उसे कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते।
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि एक बार यह सिद्ध हो गया कि पिता ने कानूनी जरूरतों के लिए संपत्ति बेची है तो हिस्सेदार इसे कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते। बेटे ने इसको लेकर 1966 में अपने पिता के खिलाफ याचिका लगाई थी। मामले के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने तक पिता और पुत्र दोनों इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन, दोनों के उत्तराधिकारियों ने इस मामले को जारी रखा ।
Supreme Court ने बताए कानूनी प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एएम सप्रे और एसके कौल की बेंच ने कहा कि हिंदू कानून के अनुच्छेद 254 में पिता द्वारा संपत्ति बेचने (Property Sell Right ) के बारे में प्रावधान है। Article 254(2) में प्रावधान है कि कर्ता चल/अचल पैतृक संपत्ति (movable/immovable ancestral property) को बेच सकता है।
वो पुत्र और पौत्र के हिस्से को कर्ज चुकाने के लिए ऐसा कर सकता है, लेकिन ये कर्ज भी पैतृक (Ancestral Debt) होना चाहिए। ये कर्जा किसी अनैतिक और अवैध कार्य के जरिए पैदा न हुआ हो ।
कब बेची जा सकती है पैतृक संपत्ति, जानिये कानून
पैतृक कर्ज चुकाने के लिए पिता पैतृक प्रोपर्टी बेच सकता है।
संपत्ति पर सरकारी देनदारी होने पर बेची जा सकती है।
पुत्र, पुत्रियों के विवाह, परिवार के समारोह या अंतिम संस्कार के लिए प्रोपर्टी बेची जा सकती है।
परिवार के सदस्यों के भरण-पोषण के लिए भी प्रोपर्टी बेच सकते हैं।
प्रोपर्टी पर चल रहे मुकदमे के खर्चे के लिए प्रोपर्टी बेच सकते हैं।
संयुक्त परिवार के मुखिया के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे में उसके बचाव के लिए वो प्रोपर्टी बेच सकता है।