Sarso Tel : सरसों तेल का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान
Sarso Tel : भारतीय घरों में सरसों के तेल का इस्तेमाल खूब होता है. बेहतरीन स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए लोग अलग-अलग तरह से इसका उपयोग करते हैं. असल में सरसों के तेल में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते है, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन फायदों के साथ इसके कई नुकसान भी हैं, जो आपको ज़रूर मालूम होने चाहिए....
My job alarm - Side Effects Of Mustard Oil: भारतीय घरों में सरसों के तेल को किचन से लेकर स्किन तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसको सबसे ज्यादा खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरसों का तेल भारतीय मौसम के हिसाब से सेहत और सुंदरता के लिए फायदेमंद माना जाता है. यहां तक कि आयुर्वेद में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल कई दवाइयों और उपचार में किया जाता है.
सरसों के तेल को शरीर के घाव भरने ,जोड़ों के दर्द या कान दर्द जैसी समस्याओं में खूब इस्तेमाल किया जाता है. असल में सरसों के तेल में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते है, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन फायदों के साथ इसके कई नुकसान भी हैं, जो आपको ज़रूर मालूम होने चाहिए.
सरसों के तेल के नुकसान (Sarson Ke Tel Ke Nuksan)-
1. एलर्जी-
कुछ लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी हो सकती है. दरअसल, इसके सेवन से हिस्टामाइन (Histamine) में वृद्धि के साथ एनाफिलेक्टिक शॉक (Anaphylactic shock) भी हो सकता है. पित्ती और त्वचा पर दाने, सांस फूलना, चक्कर आना, उल्टी, गले, चेहरे और आंखों में सूजन इसके मुख्य लक्षण हैं. जिन लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए.
2. राइनाइटिस-
कई लोगों को सरसों के तेल का सेवन करने से राइनाइटिस हो सकता है. जिससे बलग़म की झिल्ली में सूजन हो जाती है. खांसना, छींकना, भरी हुई नाक, नाक से पानी बहाना आदि समस्याएं हो सकती हैं.
3. प्रेग्नेंसी-
गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि सरसों के तेल में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं. जो पूरी तरह से शिशु के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.
4. रैशेज-
कुछ लोगों को सरसों के तेल के इस्तेमाल से रैशेज की समस्या हो सकती है. सरसों के तेल की लंबे समय तक मालिश करने से शरीर काला बड़ सकता है. किसी-किसी को इससे शरीर में दाने भी निकल सकते हैं.
5. दिल-
सरसों के तेल के एरिटिक एसिड सामग्री का उच्च स्तर हमारे दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. क्योंकि इसमें इरूसिक एसिड बहुत ज्यादा होता है, जो दिल के लिए खतरा पैदा करता है. सरसों के अधिक उपयोग से मायोकार्डियल पिलिडोसिस की समस्या हो सकती है.
जिसमें ट्राइग्लिसराइड के बनने के कारण हृदय की मांसपेशियों के मायोकार्डियल फाइबर में फाइब्रॉटिक घाव विकसित होते हैं. जो हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने के साथ हार्ट फेलियर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं.