My job alarm

Richest Village : ये है देश का सबसे अमीर गांव, 305 में से 80 परिवार हैं करोड़पति

India's Richest Village : भारत गांवों का देश है। हर गांव का अपना इतिहास और कहानी है। भारत में एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग कभी घोर गरीबी का शिकार हुआ करते थे। आज इस गांव की गिनती देश के सबसे अमीर गांव (desh ka sbse ameer gaw kon sa hai) के रूप में होती है। इस गांव का नजारा ज्यादा नहीं, बल्कि कुछ ही साल में बदल गया। आइये जानते हैं इस गांव की कहानी कि कैसे भूख से पीड़ित लोग करोड़पति बन गए।

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Richest Village : ये है देश का सबसे अमीर गांव, 305 में से 80 परिवार हैं करोड़पति 

My job alarm -(India's Most Richest Village) एक समय में गरीबी की मार झेल चुके हिवरे बाजार गांव को आज भारत में करोड़पतियों का गांव कहा जाता है। इस गांव में हर तीसरा परिवार करोड़पति है। अनेक परिवारों की एक साल की आय 10 लाख (Hivre Bazar village) से भी ज्यादा है। इस गांव के लोगों की तकदीर ग्रामीणों ने खुद अपने हाथों से बदली है। मेहनत के दम पर अब यहां लोग हर माह लाखों रुपये कमा रहे हैं। इस गांव के सरपंच का भी इसमें काफी ज्यादा रोल है। 

गांव छोड़कर ग्रामीण चले गए थे शहर


305 परिवारों वाले हिवरे बाजार गांव (Hivre Bazar gaw ameer kaise bna)में करीब 85 परिवार करोड़पति हैं और 55 परिवारों की सालाना आय 10 लाख रुपये से ज्यादा है। किसी समय में यहां के ग्रामीण आजीविका की तलाश में शहरों की ओर जाने को मजबूर थे। साल 1990 में यहां बहुत खराब हालात थे। गांव के 90 फीसदी परिवार गरीबी तले दबे थे। इससे पहले कई साल तक गांव में भयंकर सूखा पड़ा। पीने के पानी के भी यहां लाले पड़ गए थे। इसका कारण था कि यहां पर सैकड़ों की संख्या में कुएं थे, इससे भूजल स्तर सैकड़ों फीट नीचे चला गया। कई परिवार शहर की ओर रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर गए। कुछ समय बाद लोगों ने कुछ अलग करने की ठानी और गरीबी को भगा दिया। 

लोगों ने मिलकर ऐसे की गरीबी दूर


अब इस गांव के सभी परिवार खेती (Hivre Bazar me kon si kheti hoti hai) करके मोटा मुनाफा ले रहे हैं। लोगों का मुख्य व्यवसाय सब्जियां उगाना है। अब हर साल उनकी आय भी बढ़ रही है। हिवरे बाजार गांव की प्रति व्यक्ति आय पिछले 20 सालों में तेजी से बढ़ी है। यह अब पहले की अपेक्षा 20 गुना ज्यादा हो गई है। लोगों ने सामूहिक रूप से सब्जियों की खेती करने का फैसला लिया और एकता के दम पर गरीबी को गांव से बाहर निकाल फेंका। हिवरे बाजार गांव के सरपंच पपत राव पवार का इसमें बहुत बड़ा रोल है। अब पपत राव से हिवरे बाजार गांव के आसपास के लोग भी उनसे खेती में प्रयोग करना कर रहे हैं। आज से करीब 60 साल पहले हिवरे बाजार गांव को पहलवानों के लिए जाना जाता था। इस गांव के सरपंच के अनुसार हिवरे बाजार के लोगों के लिए 7 सिद्धांत व नियम तय किए गए हैं। यहां की पंचायत के नियम और रूपरेखा गांव के लोग ही बनाते हैं।

पीएम मोदी भी कर चुके सराहना


महराष्ट्र राज्य के इस गांव की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM modi)भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पानी की कीमत महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की हिवरे बाजार ग्राम पंचायत (Hivre Bazar Gram Panchayat) से जान लेनी चाहिए। इस गांव के लोगों ने पानी की समस्या से निपटने के लिए फसल प्रणाली में बदलाव किया और जल का अधिक दोहन करने वाली फसलें उगानी छोड़ दी। सब्जियां उगाई और खूब कमाई की। आज यह गांव अमीरों का गांव कहलाता है। 

कई खूबियां हैं इस गांव की


हिवरे बाजार गांव (Hivre Bazar gaw kaha hai) की कई खूबियां हैं। गांव में एक भी मच्छर नजर नहीं आता। इस गांव में मच्छर ढूंढने वाले को इनाम दिया जाता है। इस गांव के सरपंच का कहना है कि  एक एनजीओ के साथ मिलकर गांव के विकास के लिए पांच साल की योजना बनाई है। इसके तहत गांव में कुआं खुदाई, पौधारोपण और शौचालयों का निर्माण किया गया। लोगों की भावना व उत्साह से पांच साल का काम दो साल में ही पूरा हो गया। अब गांव में अनेक लोग सब्जी उत्पादन करके कमाई कर रहे हैं।

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