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RBI guidelies : एक बैंक अकाउंट में बना सकते हैं कितने नॉमिनी, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन

Bank Account Nominee : बैंकों में खाता रखने वाले अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी खबर है। दरअसल, सरकार बैंकिंग कानून को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। ऐसे में अब जल्द ही बैंक में खाताधारकों के लिए अपने खाते के नॉमिनी को लेकर नए नियम बनाए गए हैं। इनमें वैसे तो कई बड़े बदलाव किए गए हैं लेकिन सबसे बड़ा बदलाव बैंक अकाउंट के नॉम‍िनी को लेकर क‍िया गया है। आइए जानते हैं इस बारे में।

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RBI guidelies : एक बैंक अकाउंट में बना सकते हैं कितने नॉमिनी, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन

My job alarm - आरबीआई और सरकार देश के बैंकिग सेक्टर को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास में लगे हैं। देश का बैंक‍िंग सेक्‍टर लगातार ग्रोथ कर रहा है। अब सरकार का फोकस बैंकों की व‍ित्‍तीय स्‍थ‍ित‍ि मजबूत करने पर है। इसके लिए आरबीआई ने कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। लेकिन जो सबसे बड़ा बदलाव किया है वह है, बैंक खातों के लिए नॉमिनी का ऑप्शन। इन नए नियमों के लागू होने से सभी खाताधारक (nominee in bank accounts) प्रभावित होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में खबर के माध्यम से।

 

सरकार को इस नियम की क्यों पड़ी जरूरत-


सरकार ये नियम इसलिए लागू कर रही है क्योंकि अलग-अलग बैंकों के खाते में हजारों करोड़ रुपये ऐसे होते हैं, ज‍िनको लेकर कोई दावेदार नहीं होते हैं। मार्च के अंत तक वैसे अकाउंट की संख्या बढ़कर 78 हजार करोड़ हो गई, जिनके लिए कोई क्लेम करने वाला नहीं है। ऐसा इसलिए भी हो रहा था क्योंकि अब तक अकाउंट में एक ही नॉमिनी का ऑप्शन है। ऐसे में अगर किसी कारण या दुर्घटना के चलते नॉमिनी की भी मौत हो जाती है तो उसके बाद उन रुपयों को क्लेम करने में कई परेशानियां आती हैं। इसके लिए सरकार अनक्लेम्ड अकाउंट की संख्या (indian government new Nominee Rules) कम करना चाहती है।

 


नॉमिनी की संख्या बढ़ाने से क्या होगा फायदा-

 


अगर बैंक खाते के लिए 4 नॉमिनी चुनने का नियम लागू हो जाता है तो  इससे एक से अधिक नॉमिनी होने से अनक्लेम्ड अकाउंट की संख्या कम होगी और नॉमिनी को उनके पैसे क्लेम करने में कोई मुश्किल (Bank Account Nominee Rules) नहीं होगी। जैसे की मान लो कि पति ने पत्नी को और पत्नी ने पति को नॉमिनी बनाया, लेकिन किसी कारणवश या किसी दुर्घटना के चलते दोनों की एकसाथ मौत हो गई। तो ऐसे में अनक्लेमड अकाउंट की संख्या बढेगी।

लेकिन, ये नियम लागू हो जाते हैं तो एक के बाद नॉमिनी नंबर 2, 3, 4 तो होंगे ही, जो इन पैसों क्लेम कर सकेंगे। ऐसे में इस तरह के हादसों के बाद भी दावेदार बचे रहेंगे और अकाउंट होल्डर के नॉमिनी को पैसे मिल सकेंगे। इस रिजन के चलते हर अकाउंट के नॉमिनी की संख्या 4 करने (kitni hogi ek account me nominee ki sankhya) पर विचार किया जा रहा है।

 


अभी क्या कहता है नॉमिनी का नियम-

 

 

अभी जब आप बैंक अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको एक नॉम‍िनी का नाम दर्ज करना होता है।अभी आप इसके ल‍िए एक ही शख्‍स का नाम नॉमिनी (ek account me kitne nominee ho skte hai) में लिख सकते थे। किसी कारणवश मुख्य खाताधारक की मौत के बाद खाते के पैसे नॉमिनी को देना होता है। अभी शेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट में एक ही नॉमिनी तय करने का ऑप्शन है। लेकिन इस नए नियम की मंजूरी के बाद ग्राहक से ज्‍यादा लोगों को अपने अकाउंट में नॉमि‍नी बना सकेंगे।


कहां से मिला 4 नॉमिनी का आइडिया -


सरकार और अधिकार‍ियों की तरफ से इस बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं दी गई। लेकिन मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इंश्‍योरेंस और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) अकाउंट में अभी एक से अधिक नॉमिनी तय करने की सहूलियत है। इसी के चलते सरकार को 4 नॉमिनी का आइडिया मिला (How many nominees can there be in one account) है। अभी इस बारे में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन अब  इस बदलाव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) इस विधेयक को संसद में पेश करेंगी। इसके अलावा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) के लिए भी कई नॉमिनी पर विचार हो रहा है, हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसकी पूरी जानकारी संसद में विधेयक पेश होने पर ही मिल सकेगी।

अनक्लेम्ड पैसे के निवारण का है मकसद-

सरकार बैंक खातों में नॉमिनी बढ़ाने पर इसलिए विचार कर रही है ताकि अनक्लेम्ड पैसे के निवारण किया जा सके। सरकार की ओर से ये नए नियम लागू होने के बाद अगर किसी अकाउंट में शेयरों का बोनस (डिविडेंड) या बॉण्ड का पैसा पड़ा है और उसका कोई दावेदार नहीं आता है तो उसे 'इन्वेस्टर एजुकेशन प्रोटेक्शन फंड' IEPF में (Redressal of unclaimed money by the Government) ट्रांसफर कर दिया जाएगा। फिलहाल, अभी सिर्फ बैंकों के शेयर ही IEPF में ट्रांसफर होते हैं। इसके अलावा जिन शेयरहोल्‍डर्स के पास 2 करोड़ रुपये तक के शेयर हैं, उन शेयरहोल्डर्स को संबंध‍ित कंपनी में अहम हिस्सेदार माना जाएगा। पहले तो यह सीमा 5 लाख रुपये थी जिसे तकरीबन 60 साल पहले तय क‍िया गया था।

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