Railway Update : रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए खर्च करने पड़ते हैं इतने रुपये
Indian railways : भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन बोला जाता है और यह देश में परिवहन का एक प्रमुख साधन है। सस्ते दरों पर सफर करने की वजह से रोजाना लाखों लोग ट्रेनों में यात्रा करते हैं। ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि रेलवे एक दिन में कितनी कमाई करता है और इसे पैसे कमाने के लिए कितना खर्च करना पड़ता है। आइए नीचे खबर में जानते हैं इस बार में विस्तार से।
My job alarm - (Indian Railways Update) भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और लाखों लोग हर दिन इसका इस्तेमाल करते हैं। हर ट्रेन में यात्रियों की भीड़ होती है, जिससे यह लगता है कि रेलवे जबरदस्त मुनाफा (Indian Railways income) कमा रहा है। लेकिन हकीकत में, रेलवे को अपना संचालन बनाए रखने के लिए भारी खर्च करना पड़ता है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 98.10 रुपये खर्च करने पड़े। इसे 'ऑपरेटिंग रेश्यो' कहा जाता है, जो रेलवे की आय और खर्च का अनुपात दिखाता है।
हाल ही में, संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि 2022-23 में रेलवे ने 98.10% ऑपरेटिंग रेश्यो के साथ 2,40,177 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया, जो अब तक का सबसे अधिक है। इसके बावजूद, रेलवे की आय और खर्च के बीच का अंतर यह बताता है कि लाभ उतना अधिक नहीं है जितना आमतौर पर माना जाता है।
रेलवे की वित्तीय स्थिति पर सवाल
तृणमूल कांग्रेस के नेता जवाहर सरकार ने संसद में एक सवाल पूछा था जिसमें उन्होंने भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति पर कैग (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) की टिप्पणी के बारे में जानकारी मांगी थी। उनका सवाल था कि क्या कैग ने यह कहा है कि 2021-22 में रेलवे की वित्तीय स्थिति 'चिंताजनक' हो गई थी। इसके साथ ही, उन्होंने पिछले पांच वर्षों के रेलवे के ऑपरेटिंग रेश्यो की जानकारी भी मांगी थी।
इस सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि कैग की तेरहवीं रिपोर्ट में मार्च 2022 तक रेलवे की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी का रेलवे के संचालन पर गंभीर असर पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद, रेलवे (Railway Income) ने 2020-21 में 1,91,367 करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियां हासिल कीं, जो 2019-20 के 1,40,783 करोड़ रुपये से काफी अधिक थीं।
ऑपरेटिंग रेश्यो क्या होता है?
ऑपरेटिंग रेश्यो रेलवे की आर्थिक सेहत को मापने का एक महत्वपूर्ण पैमाना है। यह यह बताता है कि रेलवे 100 रुपये की आय के लिए कितना खर्च कर रहा है। अगर रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो (Indian railway operating ratio) 95% है, तो इसका मतलब है कि रेलवे 100 रुपये कमाने के लिए 95 रुपये खर्च कर रही है। इसके विपरीत, अगर यह रेश्यो 105% है, तो इसका मतलब है कि 100 रुपये की कमाई पर 105 रुपये खर्च हो रहे हैं, यानी खर्च आय से अधिक है।
पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो (Railway Operating Ratio) हर साल बदलता रहा है। उदाहरण के लिए, 2018-19 में रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 97.30 रुपये खर्च किए, जबकि 2019-20 में यह खर्च 98.36 रुपये था। 2020-21 में रेलवे ने 97.45 रुपये और 2021-22 में 107.39 रुपये खर्च किए। यह दर्शाता है कि कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे की वित्तीय स्थिति पर गहरा असर पड़ा, क्योंकि खर्च आय से अधिक हो गया था।
कोविड-19 महामारी ने न केवल रेलवे बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला। भारत में लॉकडाउन के चलते रेलवे का संचालन काफी हद तक रुक गया था, और केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल हो रहा था। इससे रेलवे की कमाई में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, लॉकडाउन के बाद जब रेल सेवाएं धीरे-धीरे शुरू हुईं, तब भी यात्रियों की संख्या में गिरावट रही, क्योंकि लोग अब भी यात्रा को लेकर असमंजस में थे। इस स्थिति के बावजूद, रेलवे ने अपने संचालन को बनाए रखने के लिए आवश्यक खर्च जारी रखे, जिससे ऑपरेटिंग रेश्यो पर असर पड़ा।
2021-22 में, रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो (Indian railway operating ratio ) 107.39% तक पहुंच गया, जिसका मतलब था कि रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 107 रुपये से अधिक खर्च करने पड़े। हालांकि, 2022-23 में स्थिति में सुधार हुआ और रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 98.10% पर आ गया, लेकिन फिर भी यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी रही।
राजस्व में वृद्धि
भले ही रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो चिंताजनक रहा हो, लेकिन यह भी सच है कि रेलवे ने अपने राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की है। 2022-23 में रेलवे ने 2,40,177 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक राजस्व प्राप्त किया। इसका एक मुख्य कारण यह है कि रेलवे ने माल ढुलाई (फ्रेट) सेवाओं में सुधार किया है, जो उसकी आय का एक बड़ा स्रोत हैं। माल ढुलाई से होने वाली आय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यात्री सेवाओं की तुलना में इसमें अधिक लाभ होता है।
रेल मंत्री ने संसद में यह भी बताया कि रेलवे ने अपने माल ढुलाई नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनसे उसकी आय में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, रेलवे ने डिजिटल टिकटिंग, स्वचालित प्रणाली और नई तकनीकों का उपयोग करके भी अपनी कमाई बढ़ाने की कोशिश की है।