Property Will : प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा नहीं मिले तो वसीयत को करवा सकते हैं रद्द, जानिये अपने कानूनी अधिकार
Property Will Law :कई बार प्रोपर्टी में बराबर का बंटवारा (Property Division) नहीं किया जाता। यहां तक की माता पिता भी अपनी औलाद को कम ज्यादा प्रोपर्टी दे देते हैं। माता पिता ने अपनी वसीयत (Property Will) में जिसको जितनी प्रोपर्टी दी है उतनी ही मिलती है। अब ऐसे में सवाल है कि अगर किसी को प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा न मिला हो और वो अपना पूरा हक चाहता है तो क्या वसीयत को कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।

My job alarm (Property Will) : आप चाहते हैं कि आपकी प्रोपर्टी चुनिंदा लोगों को ही मिले तो इसके लिए वसीयत जरूरी है। बिना वसीयत किए मृत्यु के बाद संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार कानूनों (Property Laws) के अनुसार ही होगा। ऐसे में किसी भी विवाद से बचने के लिए वसीयत को रजिस्टर (Property Will Registered) करना जरूरी है लेकिन सवाल ये है कि क्या रजिस्टर्ड वसीयत (Registered Will) को भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है? ये सबसे बड़ा सवाल है आईये जानते हैं इसका जवाब....
प्रोपर्टी में कैसे होगा बंटवारा
संपत्ति की वसीयत को कोर्ट में चैलेंज करने से पहले जान लीजिए कि आखिर संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है। किसी भी व्यक्ति की पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में उसके सभी बच्चों और उसकी पत्नी का बराबर का अधिकार होता है।
यानी की अगर किसी परिवार में एक व्यक्ति के 3 बच्चे हैं, और उन बच्चों की शादी के बाद आगे भी बच्चे हो चुके हैं, तो उसकी पैतृक संपत्ति का बंटवारा (partition of property) पहले उन 3 बच्चों में किया जाएगा। इसके बाद उन तीनों के बच्चों में उस संपत्ति का बंटवारा होगा। मतलब, जो संपत्ति उनके पिता के हिस्से में आयी है। प्रोपर्टी के बंटवारे (property division) में ही अक्सर विवाद होता है इसलिए इन विवादों से बचने के लिए ही व्यक्ति अपनी वसीयत तैयार करता है।
वसीयत को किया जा सकता है चैलेंज
ये सही है कि वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। वसीयत में खामी होने पर ऐसा किया जा सकता है फिर चाहे वसीयत रजिस्टर्ड ही क्यों ना हो। इसके कई आधार होते हैं हालांकि, वसीयत को कोर्ट में चेलेंज न कर सके, इसके लिए ये सुनिश्चित करना होगा कि इसका निष्पादन भारतीय उत्तराधिकारी कानून, 1925 (Indian Succession Act, 1925) के प्रावधानों के अनुसार हो।
क्या कहता है देश का कानून
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए एक महिला को माता-पिता से प्रोपर्टी मिली है। महिला ने चार बेटों में से एक के पक्ष में वसीयत कर दी, वो संपत्ति के मुकदमे में नहीं है। अब वो महिला जीवित नहीं है। महिला के मरने के बाद बाकी 3 भाइयों को प्रोपर्टी की वसीयत के बारे में पता चला। वसीयत पहले से ही 3 भाइयों को बिना बताए अदालत में पंजीकृत करा दी गई थी तो क्या बाकी 3 भाई वसीयत को चुनौती दे सकते है?
इसका जवाब है हां, वसीयत की वैधता (validity of property will) और वास्तविकता को हमेशा चुनौती दी जा सकती है । आप वसीयत को चुनौती दे सकते हैं जब कानूनी तौर पर (आपका भाई) अपने नाम में उपकरण / वसीयत स्थानांतरित करने के लिए प्रोबेट मुक़दमा दर्ज करेगा उस दौरान, तब आप अपना तर्क दे सकते हैं और मां की वसीयत को चुनौती भी दे सकते हैं।
प्रोपर्टी वसीयत को चुनौती देने के लिए करना होगा ये काम
आपके पास उपयुक्त न्यायालय में मुकदमा दायर करने का अधिकार है। यदि आपके परिवार में चार भाई हैं, और किसी एक ने अपनी मां के देहांत के उपरांत उनकी वसीयत के दस्तावेजों पर फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए , तो आप उस वसीयत को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं।
हालांकि इसके लिए आपको अनुभवी वकील की ही मदद लेनी पड़ेगी क्योंकि वो ही आपकी ऐसे मामले में मदद कर सकता है। वसीयत को रजिस्टर्ड करना उसे अबाध्य नहीं बनाता। इसे कभी भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। ये भी जरूरी नहीं है कि रजिस्टर्ड वसीयत (registered will) मृतक का अंतिम वसीयतनामा है। एक नई अपंजीकृत वसीयत भी बनायी जाती है तो उसे वैध माना जाएगा।
कोर्ट कर सकती है रद्द
एक व्यक्ति को वसीयत (property will) बनाने के लिए धोखा दिया जाता है तो उसे कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। इस तरह के वसीयत को वसीयतकर्ता की स्वतंत्र सहमति से नहीं माना जाता है और इसे कोर्ट रद्द कर सकती है। अगर कोई वसीयत आपको धमकी का इस्तेमाल करके बनाई गई है ऐसी वसीयत अवैध है और अदालत उसे रद्द कर सकती है। हम आपको बतादें कि देश कानून के मुताबिक 18 साल से बड़े लोग ही अपनी वसीयत बना सकते है।