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Property Rights : बुआ का प्रोपर्टी में कितना अधिकार, जानिये क्या कहता है प्रोपर्टी कानून

Daughters' Rights in property : आजकल कोर्ट कचहरी में प्रॉपर्टी विवाद के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। जमीनों के रेट ज्यादा होने के कारण अधिकतर लोग अपनी प्रॉपर्टी बेटों के नाम कर देते हैं, ताकि उनकी संपत्ति में बेटियों की दखलंदाजी न रहे। लेकिन अब बेटियों भी प्रॉपर्टी में अपने हक को लेकर जागरूक हो रही हैं। मगर बेटियों के हक से जुड़ा एक सवाल यह भी है कि यदि कोई युवक अपने बाप अपनी सारी प्रॉपर्टी अपने बेटों के नाम कर दे तो क्या उस युवक की बहनें  उस प्रॉपर्टी पर अपने हक का दावा कर सकती हैं? आइये विस्तार से जानते हैं कि ऐसे मामलों में बुआ को उसका हक मिल सकता है या नहीं। 

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Property Rights : बुआ का प्रोपर्टी में कितना अधिकार, जानिये क्या कहता है प्रोपर्टी कानून

My job alarm- (Property Rights) आमतौर पर देखा जाता है कि ज्यादातर लोग अपनी प्रॉपर्टी बेटों के नाम ही करते हैं ताकि शादी के बाद बेटियां उसमें किसी प्रकार की दखल न दे सके। लेकिन अब जमाना बदल गया है और बेटियां भी अपने हक को लेकर जागरूक (Daughters are aware of their rights) हो गई हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं, जिसमें बेटियों ने अपने बाप से  प्रॉपर्टी में बराबर का हक मांगा और अपना दावा भी पेश किया। लेकिन अगर कोई बाप अपनी सारी प्रॉपर्टी बेटों के नाम कर दे और उसके बेटे भी उस प्रॉपर्टी को अपनी औलाद के नाम करवा दें तो क्या वो बेटी यानी उन बच्चों की बुआ (Property Rights) उस प्रॉपर्टी में अपने हक का दावा पेश कर सकती हैं। आइये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं कि ऐसे मामलों में बेटियों को किस प्रकार की कानूनी सहायता मिल सकती है।

 


इस प्रक्रिया में बेटियां नहीं कर सकती दावा

 


भारतीय संविधान के अनुसार बेटियों को बेटों के बराबर हक दिया गया है। बाप की प्रॉपर्टी में बेटियों का अधिकार भी बेटों के बराबर (Right of daughter and son in father's property) होता है। लेकिन कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति जिंदा रहते हुए अपनी सारी प्रॉपर्टी अपने पोतों के नाम ट्रांसफर करवा दे तो उस व्यक्ति की बेटियां उस प्रॉपर्टी पर अपना दावा नहीं कर सकती।


वसीयत लिखने के बाद भी बेटियां कर सकती है दावा

 


वहीं अगर कोई आदमी अपने बेटों के नाम सारी प्रॉपर्टी की वसीयत (bequest of property) लिखवा दे और बाद में उसकी मौत के बाद वसीयत के अनुसार प्रॉपर्टी ट्रांसफर हो जाए तो बेटियों उसे कोर्ट में चैलेंज कर सकती हैं और अपने बाप की प्रॉपर्टी पर दावा ठोक सकती है। यदि बिना वसीयत लिखे किसी आदमी की मौत हो जाती है तो उसकी प्रॉपर्टी में बेटियों को बराबर हक मिलता है। ऐसे हालात में उस आदमी की पत्नी भी (Wife's rights in property) वसीयत नहीं लिख सकती। क्योंकि उसको भी इस प्रॉपर्टी में बेटे-बेटियों के बराबर हक मिलेगा।

 


खुद की कमाई से अर्जित संपत्ति की वसीयत वैध


कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार वसीयत लिखे जाने पर किसी को संपत्ति से बेदखल (eviction from property) किया जा सकता है, लेकिन यदि किसी शख्स ने खुद की कमाई से अर्जित की गई संपत्ति को लेकर वसीयत लिखी है तो वो कानूनी तौर (Legal Rights) पर लीगल मानी जाएगी। हां अगर वसीयत नहीं लिखी गई तो प्रॉपर्टी के मालिक की मौत के बाद उसकी पत्नी, बच्चे और मां बराबर के हिस्सेदार होंगे। अगर वसीयत में किसी को बेदखल किया जाता है तो अदालत में उसका कारण बताना भी बहुत जरूरी होता है।

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