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Property Rights : क्या पति बेच सकता है पत्नी की संपत्ति, जानिये कानूनी प्रावधान

Wife Husband Property Rights :देश में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्तर को मजबूत करने के लिए उनको कई संवैधानिक अधिकार दिए गए हैं। इन्हीं में संपत्ति में हक (wife's Property Rights in low) को लेकर भी प्रावधान किए गए हैं। इसके बावजूद अधिकतर महिलाएं इस बात से अनजान हैं कि उनकी संपत्ति को पति बेच सकता है या नहीं। आइये जानते हैं इसे लेकर क्या कहता है कानून।

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Property Rights : क्या पति बेच सकता है पत्नी की संपत्ति, जानिये कानूनी प्रावधान

My job alarm - (Property knowledge) वैसे तो प्रोपर्टी को लेकर तरह-तरह के वाद-विवाद होते रहते हैं, इन्हीं विवादों के बीच पति और पत्नी के अधिकारों को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी होती रहती हैं। पति के साथ-साथ पत्नी के पास कई तरह के अधिकार (patni ki property me pati ka hak) होते हैं, जिनका वो इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या पति अपनी पत्नी की संपत्ति को बेच सकता है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि जानिए पत्नी की संपत्ति को लेकर भारतीय कानून में क्या प्रावधान है।

 

प्रोपर्टी बेचते समय करना होगा यह काम 

 

कानून के अनुसार किसी भी जमीन या प्राेपर्टी को बेचने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सही से पालन करना जरूरी है। अगर कोई प्रोपर्टी नाम ही नहीं है तो उसे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बेच सकता। पति अपनी संपत्ति को पत्नी को बेच सकता है, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। कई मामलों में देखा गया है कि पति अपनी पत्नी के नाम प्रोपर्टी खरीद लेता है। ऐसे में उसकी पत्नी का ही संपत्ति पर अधिकार (pati ki property me patni ka hak) होता है और पति को वह संपत्ति बेचते समय पत्नी की सहमति लेनी जरूरी हो जाती है। 

 

 

पति-पत्नी की कमाई वाली प्रोपर्टी को लेकर प्रावधान-

अगर पति और पत्नी मिलकर संपत्ति पर खर्च करते हैं और वह संपत्ति संयुक्त रूप से उनके नाम पर है, तो  पत्नी को पति द्वारा छोड़ देने या अलग हो जाने पर पत्नी को उसके 50 प्रतिशत हिस्से के अलावा पति के हिस्से से भी अपना हिस्सा लेने का अधिकार (husband wife property rights) है। तलाक के फैसले तक, पत्नी को उस संपत्ति में रहने का अधिकार भी रहेगा।

पति का पत्नी की संपत्ति पर कितना हक-

कानून की ओर से दिए गए कई फैसलों में देखने में आया है कि पति की पैतृक संपत्ति पर पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता और पति की कमाई वाली प्रोपर्टी (self acquired property) में वह बराबर की हकदार होती है। ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि पति का पत्नी की संपत्ति पर कितना हक होता है और क्या वह इसे बेचने का अधिकार रखता है। अगर पति चाहे तो वह अपने हिस्से की प्रोपर्टी को कॉन्ट्रैक्ट बना कर अपनी पत्नी को बेच सकता है।

हालांकि कानून की नजर में पति और पत्नी अलग नहीं माने जाते, लेकिन पति अपने हिस्से की संपत्ति (ancestral property) पत्नी को बेचता है तो इस कॉन्ट्रैक्ट में पति और पत्नी अलग अलग पक्षकार माने जाते हैं। इसके अलावा यह भी जानना जरूरी है कि पत्नी के पूर्वजों की संपत्ति में पत्नी व उसके परिजनों का हक होता है। उसमें पति के हक की बात तो तब की जा सकती है, जब पहले वह उसकी पत्नी के नाम आए।

ससुराल की संपत्ति में पत्नी का हक-

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (Hindu Succession Act, 1956)के अनुसार किसी भी पत्नी का अधिकार अपने पति की केवल अर्जित की गई संपत्ति पर हो सकता है। अपने ससुराल या पति की पैतृक संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता। अगर किसी कारणवश पति की मौत हो जाए तो मौत  के बाद यानी विधवा का अपने ससुराल की संपत्ति (rights in laws' property) पर केवल उतना ही हिस्सा मिलता है जितना उसके पति का होता है। 


इसके विपरीत मुस्लिम पर्सनल लॉ के नियमों (rules of muslim personal law) के मुताबिक पत्नी का अपने पति की संपत्ति पर अधिकार अपेक्षाकृत सीमित होता है। इन नियमों के तहत पत्नी को अपने पति से मेहर (महर) पा सकती है, लेकिन पति की संपत्ति में हिस्सा नहीं पा सकती और न ही दावा कर सकती है। हालांकि यह प्रावधान जरूर है कि पति से अलग होने पर भरण-पोषण का दावा पति पर कर सकती है और विवाह रहने तक पति के घर में रह सकती है।

यह कहता है हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम-

भारतीय कानून (Indian law) कहता है कि भले ही पति की अर्जित संपत्ति पर पत्नी का अधिकार होता है, लेकिन पति के जीवित रहते उसकी खुद से अर्जित की गई संपत्ति पर पत्नी का कोई हक नहीं होता है। पति की मृत्यु पश्चात ही उसकी पत्नी का संपत्ति में हक होगा। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार, पत्नी को पैतृक संपत्ति में बेटे (Son's right in ancestral property) के बराबर हिस्सा मिल सकताहै, लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें व प्रावधान होते हैं। 

कब मिलेगा पति की स्वअर्जित संपत्ति में पत्नी को अधिकार

पति की संपत्ति में पत्नी के हिस्से की बात करें तो  कानून के अनुसार पति की कमाई से खरीदी प्रोपर्टी में पति के जीवित रहते पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता। पति की मृत्यु के बाद पत्नी का संपत्ति में हक होगा। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 में यह प्रावधान है कि पत्नी को पैतृक संपत्ति में अपने बेटे के बराबर का हक व हिस्सा मिलता है। यह प्रावधान पैतृक संपत्ति (ancestral property) को लेकर है, पति की स्वअर्जित संपत्ति को लेकर कतई नहीं है।


 पति की मृत्यु के बाद व संतान भी न होने की स्थिति में उस संपत्ति का एक-चौथाई हिस्सा पत्नी को मिलता है। अगर बच्चे हैं तो आठवां हिस्सा बनेगा। इसके अलावा पति ने अगर वसीयत लिखी  है तो फिर उसी अनुसार अधिकार (property rights news) दिया जाता है। वसीयत में पति ने पत्नी को कोई संपत्ति न देने की बात लिखी होगी तो पत्नी अपने पति की प्रोपर्टी से वंचित रह जाएगी।

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