Property ka Adhikar : पति की प्रोपर्टी में पत्नी का कितना हिस्सा, जानिये ससुराल की संपत्ति में बहू का कितना अधिकार
My job alarm - (wife right on husband property) हमारे देश में सालों साल से यही मान्यता चलती आ रही है कि शादी के बाद एक महिला के लिए उसका ससुराल ही सबकुछ होता है। विवाह के पश्चात महिला अपने माता-पिता, भाई-बहन, घर-परिवार सभी को छोड़कर ससुराल में ही अपना बाकी जीवन व्यतीत करती है। यही वजह है कि सामाजिक और कानूनी रूप से शादी के बाद महिला कुछ अधिकार भी दिए जाते हैं। आज हम आपको पत्नी के कुछ अधिकारों (wife's rights) के बारे में बताने जा रहे हैं जो पत्नी को पति घर के में मिलते हैं। आज हम आपको यह भी बता रहे हैं कि पति की प्रॉपर्टी पर पत्नी का कितना अधिकार (wife's rights on property) होता है। एक बहू को उसके ससुराल में आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए क्या प्रावधान है ये भी आप इस खबर में जानेंगे।
क्या पति की प्रोपटी पर होता है पत्नी का हक़
देश में वैसे भी अधिकारों की बात की जाए तो कुछ ही लोग होंगे जो कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे। अधिकतर लोगों को अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी ही नही होती है। खासकर महिलाएं इस मामले में काफी पीछे है। बता दें कि ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं है कि पति के पास जो प्रॉपर्टी है उस पूरी प्रॉपर्टी पर आपको हक हो। ससुराल की प्रपोर्टी पर एक महिला का उतना अधिकार (right of wife on husband property) है जितना ससुराल वाले उसे देना चाहें।
बात करें पति की प्रोपर्टी की तो अपने पति की प्रॉपर्टी पर महिला का अधिकार (Woman's right on her husband's property) होता है। पति अपनी प्रॉपर्टी में किसी के नाम कोई वसीयत नहीं करता है और उसकी मौत हो जाती है तो, कैटेगरी 1 कानूनी उत्तराधिकारी है, पति की संपत्ति हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम (Indian Succession Act) के अनुसार उसके पास होगी।
क्या है हिंदू विवाह अधिनियम की धारा
हमोर देश में कानून के अधिकार के अनुसार ही पत्नी का पति की प्रॉपर्टी पर अधिकार (Wife's rights on husband's property) होता है। विवाह के बाद अगर पति-पत्नी अलग होने का फैसला लेते हैं तो महिलाएं हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत पति से भत्ता मांग सकती हैं। वहीं पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम और 125 सीआरपीसी के तहत महिलाएं जीवन भर अपने पति से गुजारा भत्ता की मांग सकती हैं।
ये नियम जानना जरूरी
देश के कानून के तहत, पति के जीवित रहते उसकी खुद से अर्जित की गई संपत्ति पर पत्नी का कोई अधिकार (Wife's right on husband's self-acquired property) नहीं होता है। अगर पति की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद ही उसकी पत्नी का संपत्ति में हक होगा, लेकिन मरने से पहले अगर पति ने कोई वसीयत लिखी होगी, तो उसके आधार पर संपत्ति का अधिकार (property rights) तय होगा। जबकि, नियमों के अनुसार, तलाक होने की स्थिति में या पति से अलग होने की स्थिति में महिला को अपने पति से भरण-पोषण के लिए सिर्फ गुजारा-भत्ता पाने का अधिकार है। यानी ये बात तो साफ है कि अलग होने पर वह पति की संपत्ति में से अधिकार नहीं मांग सकती।
ससुराल की संपत्ति में हक
इसके अलावा अगर ससुराल की संपत्ति का जिक्र करें तो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा (Section of Hindu Succession Act) 8 के मुताबिक, एक महिला का अपने ससुराल की पैतृक संपत्ति में भी तब तक कोई हक नहीं होता जब तक कि उसका पति या उसके सास ससुर जीवित हैं। जबकि, पति की मौत होने पर ससुराल की संपत्ति में उसका अधिकार होता है। वह पैतृक संपत्ति (ancestral property rights) में अपने पति के हिस्से की संपत्ति पा सकती है।