Property Dispute: बिना वसीयत के कैसे होगा प्रोपर्टी का बंटवारा, जानिए क्या है कानून
Property law in India : प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर देश भर में कई तरह के कानून बने हुए हैं जिनकी बेहद कम लोगों को जानकारी है। आपने सुना होगा जैसा वसीयत में लिखा होता है उसी के हिसाब से प्रॉपर्टी का बंटवारा होता है लेकिन आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिना वसीयत किस तरह होगा प्रॉपर्टी का बंटवारा (division of property)। आइए खबर में जानते हैं प्रॉपर्टी बंटवारे से जुड़े इस कानून के बारे में विस्तार से...
My job alarm (Property Dispute) : संपत्ति से संबंधित मामलों के बारे में आपको हर रोज सुनने को मिल ही जाता है। हर घर में आपको प्रोपर्टी को लेकर कलेश सुनने को मिलता होगा। वहीं कोर्ट में हर रोज ऐसे मामले आना आम बात है। ऐसे मामले एक बार में निपट जाए ऐसा तो बिलकुल भी नही होता है। प्रोपर्टी से संबंधित केस (property division in India) सालों साल तक भी चलते रहते है।
खास कर बंटवारे को लेकर आपको हर घर में विवाद सुनने को मिल ही जाएगा। संपत्ति के बंटवारे के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज उस संपत्ति को लेकर वसीयत होती है। वसीयत लिखे जाने के बाद संपत्ति का विवाद (property dispute) लगभग खत्म हो जाता है। वसीयत में जो कुछ लिखा गया है, उसी हिसाब से संपत्ति का बंटवारा होता है। अब अगर किसी व्यक्ति की मौत वसीयत लिखे जाने से पहले ही हो गई तो संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है? उसे लेकर क्या विवाद हो सकते है आइए हम आपको बताते है विस्तार से...
क्या है संपत्ति के बंटवारे को लेकर नियम-
मान लों कि अगर वसीयत लिखे बिना ही किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो देश में उत्तराधिकार कानून के अंतर्गत इसका निपटारा होता (Will rules) है। हालांकि बंटवारे की ये पूरी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं होती है। अब पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि आखिर वसीयत क्या होती है। वसीयत कानूनी तौर पर पूरी तरह वैध होता है। वसीयत एक ऐसा दस्तावेज है, जो बताता है कि शख्स की मौत के बाद उसकी संपत्ति का बंटवारा (property division law) कैसे किया जाए। इसका निपटारा कैसा होता है।
वसियत को लेकर ये नियम है कि कोई भी 18 साल से ऊपर और मानसिक तौर पर स्वस्थ व्यक्ति अपनी वसीयत लिख सकता है। वसियत में उन तमाम चीजों को शामिल किया या डाला जाता (what is will) है, जिन पर उसका मालिकाना हक होता है। अपनी वसीयत को कई बार बदला जा सकता है और इसे किसी के नाम भी किया जा सकता है। यानी व्यक्ति किसी दूसरे के नाम भी अपनी पूरी संपत्ति (property knowledge) कर सकता है।
व्यक्ति की मौत के बाद कैसे होता संपत्ति का बंटवारा?
जरूरी नही है कि सबने अपनी संपत्ति की वसीयत (property bequest) तैयार करा ही रखी हो। बहुत बार ऐसा होता है कि किसी दुर्घना या कोई और कारण से व्यक्ति अपनी वसीसत लिखे बिना ही स्वर्ग सिधार जाता है। इसलिए अगर किसी शख्स की बिना वसीयत लिखे मौत होती है तो उसके बाद कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है।
कुछ धर्मों में संपत्ति के बंटवारे के अपने नियम कानून (property distribution rules) हैं। जैसे मुस्लिम समाज में शरीयत एक्ट के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा किया जाता है। बाकी के मामलों में उत्तराधिकार कानून के तहत फैसले होते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि ये पूरी प्रक्रिया काफी लंबी चली जाती है, कई बार दूसरी पीढ़ी तक फैसले नहीं हो पाते हैं।