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Property Dispute : भाई बहन ने हड़प ली प्रोपर्टी, इस कानून के तहत वापस ले सकते हैं कब्जा

Property Knowledge : परिवार के किसी सदस्य या अन्य व्यक्ति द्वारा आपकी संपत्ति को धोखे से हड़प लिया गया हो, तो इसे वापस पाने के लिए कानूनी तरीका अपनाया जा सकता है। यदि किसी ने गलत तरीके से या धोखाधड़ी करके आपकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, तो इस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे अपनी प्रॉपर्टी से कब्जा हटाया जा सकता है। 

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Property Dispute : भाई बहन ने हड़प ली प्रोपर्टी, इस कानून के तहत वापस ले सकते हैं कब्जा

My job alarm - प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक और बंटवारे को लेकर आए दिन विवाद (property dispute) के मामले सामने आते रहते हैं। अक्सर देखा गया है कि संपत्ति को लेकर परिवारों के बीच लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है। कई बार तो ऐसे मामले सामने आते हैं जहाँ किसी व्यक्ति ने अपने ही परिवार के सदस्य को गुमराह करके या दबाव डालकर उनकी संपत्ति हड़प ली। ऐसे मामलों में लोग अपनी संपत्ति वापस पाने के लिए थाने और कचहरी के चक्कर लगाते हैं। अगर आपकी भी प्रॉपर्टी पर किसी ने अवैध कब्जा (illegal occupation of property) कर लिया है या धोखे से आपकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है, तो इसे वापस पाने के लिए आपको कानूनी प्रक्रियाओं को समझना जरूरी है।

संपत्ति विवाद की स्थिति में क्या करना चाहिए?


अगर परिवार या बाहर के किसी व्यक्ति ने आपकी संपत्ति पर कब्जा (possession of property) कर लिया है, तो उसे वापस पाने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि संपत्ति से संबंधित दस्तावेज आपके पास होने चाहिए। ये दस्तावेज़ आपके मालिकाना हक को सिद्ध करने के लिए आवश्यक हैं। इनमें प्रमुख दस्तावेज हैं:

कहां और कैसे करें शिकायत?

अगर किसी ने धोखाधड़ी या गुमराह करके आपकी जमीन हड़प ली है और आपसे गलत तरीके से विक्रय पत्र पर साइन करवा लिए हैं, तो आप कानूनी कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, अगर जमीन की रजिस्ट्री भी करवा ली गई है, तो तुरंत संबंधित रजिस्ट्रार ऑफिस (Registrar Office) में जाकर आपत्ति दर्ज कराएं और रजिस्ट्रेशन रद्द करवाने के लिए आवेदन दें। यदि रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई है, तो रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर रजिस्ट्रेशन रोकने का अनुरोध कर सकते हैं। इसके अलावा, जमीन या प्रॉपर्टी (land or property document) को वापस पाने के लिए आप सिविल कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं। कोर्ट में जाकर कॉन्ट्रैक्ट लेटर को रद्द करने के लिए याचिका दायर करें, जिसमें आप अपने असली मालिकाना हक का दावा पेश कर सकते हैं।

किन धाराओं में होगा केस दर्ज


जमीन या संपत्ति को धोखे या गलत तरीके से हड़पने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है, जो धोखाधड़ी से संबंधित है। यदि किसी ने आपको डराकर या गुमराह करके आपकी संपत्ति से बेदखल किया है या किसी प्रकार की धोखाधड़ी की है, तो आप इस धारा के तहत थाने में रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। यह कानून आपको न्याय पाने में मदद करता है और आपके अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

जमीन विवादों के समाधान और प्रॉपर्टी पर दावा सिद्ध करने के लिए आपके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए। इनमें रजिस्ट्री दस्तावेज (registry document) सबसे अहम है, क्योंकि यह प्रमाणित करता है कि आप उस प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं। इसके साथ ही खतौनी, खाता संख्या और ट्रांसफर ऑर्डर जैसे अन्य दस्तावेज भी संपत्ति पर आपका मालिकाना हक साबित करने में सहायक होते हैं। यदि इन दस्तावेजों में कोई भी कमी होती है, तो कानूनी प्रक्रिया के दौरान आपका दावा कमजोर हो सकता है।

इस तरह के मामलों के समाधान के लिए आप जिला न्यायालय, सब-रजिस्ट्रार ऑफिस, भू-अभिलेख विभाग और स्थानीय नगर पालिका या पंचायत में भी संपर्क कर सकते हैं। भू-अभिलेख विभाग से आपके नाम पर दर्ज प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जो आपके मामले को मजबूत बनाने में सहायक होती है। सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, खासकर अगर रजिस्ट्री से जुड़ी कोई समस्या है।

जमीन खरीदते समय या प्रॉपर्टी (Property News) से जुड़े किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए एक कानूनी सलाहकार की मदद लेना भी एक बुद्धिमानी भरा कदम है। वकील आपको मामले की जटिलताओं और कानूनी प्रक्रिया के बारे में समझाने में मदद कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं। जमीन के मामले में जरा सी चूक भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है, इसलिए सावधानी से और कानूनी तरीके से काम करना बहुत जरूरी है।
 

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