OPS: पुरानी पेंशन योजना पर सरकार का रूख साफ, लोकसभा में दी जानकारी
Employees Update - केंद्रीय कर्मचारियों (Central government) के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) ने ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme) को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि एनपीएस और यूपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) को दोबारा शुरू करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है... इससे जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-
MY Job Alarm: (old pension scheme) सरकार ने साफ कर दिया है कि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को दोबारा लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने यह स्पष्टीकरण उस समय दिया, जब केंद्र सरकार (Central government) के कर्मचारियों की कई यूनियनें और एसोसिएशन पुरानी पेंशन योजना की बहाली (Restoration of old pension scheme) की मांग कर रही हैं। मंत्रालय ने कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम शुरू करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।
कई सांसदों ने मांगी सरकार से जानकारी-
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने 15 दिसंबर, 2025 को लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि एनपीएस और यूपीएस के दायरे में आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को दोबारा लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई योजना नहीं बनाई गई है। दरअसल, कई सांसदों ने इस मुद्दे पर सरकार से अपना रुख साफ करने की मांग की थी, जिनमें एंटो एंटोनी, अमरा राम, उत्कर्ष वर्मा मधुर और इमरान मसूद शामिल थे।
एंप्लॉयीज संगठनों की OPS बहाली की मांग तेज-
केंद्र सरकार (Central government) के कर्मचारियों की कई एसोसिएशंस ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को दोबारा लागू करने की मांग कर रही हैं। यह योजना सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन रूल्स, 1972 (अब 2021) के तहत लागू एक नॉन-कंट्रिब्यूटरी और सुनिश्चित पेंशन व्यवस्था थी, जिसमें कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं देना पड़ता था। एनपीएस और यूपीएस दोनों ही कंट्रिब्यूटरी पेंशन स्कीम (Contributory Pension Scheme) हैं। यानी इन योजनाओं के तहत कर्मचारियों को खुद योगदान करना होता है। कर्मचारियों को अपने बेसिक पे और डियरनेस अलाउन्स (DA) का 10 प्रतिशत हिस्सा पेंशन फंड (pension fund) में जमा करना पड़ता है।
OPS नॉन-कंट्रिब्यूटरी पेंंशन स्कीम है-
एनपीएस फ्रेमवर्क के तहत सरकार कर्मचारी के बेसिक पे और डीए का 14 प्रतिशत योगदान करती है। वहीं, यूपीएस में सरकार बेसिक पे और डीए का 10 प्रतिशत कंट्रिब्यूशन देती है। इसके अलावा, सरकार स्कीम के तहत कर्मचारियों के कुल कॉर्पस (Total Corpus of Employees) में अतिरिक्त 8.5 प्रतिशत का भी योगदान करती है।
सांसदों ने लोकसभा में यह सवाल भी उठाया था कि क्या कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme) लागू की है। इसके जवाब में पंकज चौधरी ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों (Himachal Pradesh Government) ने अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने के फैसले की जानकारी PFRDA को दे दी है।
2004 में की थी सरकार ने NPS की शुरुआत-
केंद्र सरकार (Central government) ने अपने कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) लागू किया था, जिसने ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme) की जगह ली। इसके बाद 2009 में सरकार ने एनपीएस को आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया। एनपीएस एक मार्केट-लिंक्ड पेंशन स्कीम (Market-Linked Pension Scheme) है।
