Liquor Sales in UP: शराब पीने में यूपी के ये 2 जिले सबसे आगे, देसी पीने वालों की भी भरमार
My job alarm - (up excise department) भारत देश में शराब की बिक्री लगातार बढती जा रही हैं लेकिन यदि भारत के राज्य यूपी की बात की जाए तो बता दें कि यहां पर रिकॉर्ड तोड शराब की बिक्री हो रही हैं। युपी में अंग्रेजी (sale of liquor) शराब के सबसे ज्यादा शौकीन हैं। जबकि, देसी भी सबसे ज्यादा युपी के ही जिलों में बिकती हैं । बीयर पीने वाले भी सबसे ज्यादा लखनऊ जिले में हैं, तो दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर में बीयर की बिक्री हुई। मंडलवार खपत की बात करें तो यूपी में अंग्रेजी शराब और बीयर के सबसे ज्यादा खपत हुई। आबकारी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक देसी शराब की सबसे ज्यादा बिक्री में युपी का ही मंडल सबसे आगे है।
आबकारी महकमे के सांख्यिकी विभाग के विश्लेषण में यह आंकड़े सामने आए कि पिछले साल अप्रैल में कुल 3153.32 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जबकि इस बार अप्रैल में 3313.13 करोड़ रुपये की राजस्व (Excise Department Uttar Pradesh) आय प्राप्त हुई है। इसी के चलते पिछले साल की बजाय इस साल के बढते आंकडों को देखते हुए इस बार के अप्रैल में 159.71 करोड़ रुपये की ज्यादा राजस्व आय हुई है। जोकि बेहद हैरानी की बात हैं। शराब की लगातार इतनी खपत अविश्नीय हैं।
अंग्रेजी से ज्यादा बिक रही देसी शराब -
सर्वे से मिले आंकडों के अनुसार इस बार देसी शराब की खपत (alcohol consumption) ज्यादा पाई गई हैं। पिछले साल अप्रैल के महीने में 5.88 करोड़ लीटर देसी शराब प्रदेश में खपी थी लेकिन इस साल देसी शराब की कुल खपत 6.59 करोड़ (Liquor Consumption) लीटर की रही। अगर अंग्रेजी शराब की बात करें अप्रैल के महीने में 1.66 करोड़ लीटर अंग्रेजी शराब की बिकी थी जबकि पिछले साल के अप्रैल में 1.64 करोड़ लीटर अंग्रेजी शराब की खपत हुई थी
सिर्फ देसी व अंग्रेजी शराब ही नहीं बल्कि बीयर के शौकिनों ने भी युपी में रिकॉर्ड बना दिया हैं। इस बार अप्रैल के महीने में आगे रहे। इस बार 4.43 करोड़ लीटर बीयर की खपत हुई जबकि पिछली अप्रैल में 3.82 करोड़ लीटर बीयर की खपत हुई थी। आपको बता दें कि प्रदेश सरकार की राजस्व आय (Noida liquor) के सबसे बड़े स्रोत आबकारी से चालू वित्तीय वर्ष में 58 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में 2 साल पहले थी इतने की खपत
मिले सुत्रों के मुताबिक युपी में हर दिन 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर गटकी जा रही हैं। आकंडों के अनुसार पुरे राज्य में कहीं भी ऐसा जिला नहीं होगा जहां शराब और बीयर की हर रोज बिक्री ढाई-तीन (liquor Sale UP) करोड़ रुपये से कम की है। यह हैरान कर देने वाली बात है कि 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी। पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत तेजी से बढ़ी है।
नोएडा और गाजियाबाद सबसे ज्यादा शराब पीने वाले जिले -
आबकारी विभाग के एक अधिकारी की रिपोर्ट से पता चला हैं कि जिले में 10 महीनों के अंदर 1600 करोड़ की शराब बिकी है। इसी आंकड़े के साथ नोएडा उत्तर प्रदेश का ऐसा जिला बन गया है, जहां सबसे ज्यादा शराब पी जाती है। इन दो जिलों में हर रोज 13 से 14 करोड़ रुपये की शराब व बीयर की खपत हो रही है। यूपी के 75 जिलों को पीछे छोड़कर नोएडा इस मामले में यूपी का नंबर वन जिला बन गया है।
अन्य जिले भी नहीं पीछे -
अगर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की (Lucknow Liquor Consumption) बात की जाए तो बता दें कि यह भी नोएडा या गाजियाबाद से पीछे नहीं हैं। राजधानी में भी रोजाना 10-12 करोड़ रुपये की शराब की खपत है। वहीं पर्यटकों की पसंदीदा ताज नगरी आगरा भी बहुत पीछे नहीं है, जहां औसत रोजाना खपत 12-13 करोड़ रुपये की है। इसी तरह मेरठ और कानपुर भी दहाई अंकों का आंकड़ा रखते हैं। मेरठ के लोग हर रोज करीब 10 करोड़ रुपये की शराब पी रहे हैं, तो वहीं कानपुर में हर रोज 8 से 10 करोड़ रुपये की शराब की खपत हो रही है। वाराणसी भी 6-8 करोड़ रुपये की शराब की रोज खपत कर रहा है।
इन कारणों से बढ़ रही है डिमांड
आबकारी अधिकारी का दावा है कि पिछले 2-3 साल के दौरान राज्य के कुछ जिले नहीं बल्कि सारे जिले एक दुसरे को शराब की बिक्री में टक्कर दे रहे हैं। नोट करने की बात यह हैं कि शराब की खपत के कुल आंकड़े में 45 से 50 फीसदी योगदान देसी पीने वाले दे रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि शराब की खपत को बढ़ाने का एक नहीं बल्कि अनेकों कारण हैं। धीरे-धीरे शराब की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ रही है और आबकारी विभाग की सख्ती से तस्करी पर अंकुश है।