My job alarm

Landlord Tenant : क्या 20 साल किराए पर रहने के बाद किराएदार बन जाएगा प्रोपर्टी का मालिक, ये हैं कानून

Landlord Tenant : प्रोपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है. इसी कड़ी में आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताएंगे कि आखिर क्या 20 साल किराए पर रहने के बाद किराएदार प्रोपर्टी का मालिक बन सकता है? या फिर मकानमालिकों के पास भी कोई अधिकार होता है कि वो जब चाहें किराएदार से घर खाली करवा सकते हैं...

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Landlord Tenant : क्या 20 साल किराए पर रहने के बाद किराएदार बन जाएगा प्रोपर्टी का मालिक, ये हैं कानून

My job alarm - किराएदार और मकान मालिकों के बीच आपसी झगड़ा होना आम बात है। लेकिन कई बार सुनने को मिलता है कि किसी किराएदार ने लंबे समय तक किराया देने के बाद मकान मालिक (landlord) को घर खाली करने से मना कर दिया है. जिसके चलते मकान मालिकों में ये डर बना रहता है कि कहीं एक बार लंबे समय तक किराए पर रहने के बाद कोई भी किराएदार (tenant) उनकी प्रोपर्टी पर कब्जा कर सकता है. 

लंबे समय तक एक प्रोपर्टी (property) पर रहने के बाद कानून भी कुछ परिस्थितियों में किराएदारों को यह अधिकार देता है कि वो उस पर कब्जा जमा कर सकता है. कई बार प्रोपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है. ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि आखिर कानून क्या कहता है, क्या सही में एक किराएदार कुछ समय बाद संपत्ति पर मालिकाना हक (Ownership Of Property) साबित कर सकता है. या फिर मकानमालिकों के पास भी कोई अधिकार होता है कि वो जब चाहें किराएदार से घर खाली करवा सकते हैं.

जान लें क्या कहता है कानून?

एडवोकेट चेतन पारीक के मुताबिक, ‘वैसे तो कभी भी किसी भी ‘किराएदार’ का मकान मालिक की संपत्ति पर हक नहीं होता है. लेकिन कुछ परिस्थितियों में किराए पर रहने वाला व्यक्ति उस पर अपना हक जाहिर कर सकता है. लेकिन, ‘ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट ('Transfer of Property Act') के अनुसार, एडवर्स पजेशन में ऐसा नहीं होता है और इसमें जिस पर संपत्ति का कब्जा होता है, वो उसे बेचने का अधिकारी भी होता है. यानी अगर कोई 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन (Adverse possession of property) रखता है तो उसे संपत्ति पर अधिकार मिल जाता है.’

उदाहरण के तौर पर देखें तो, मान लो अगर किसी व्यक्ति ने अपने जानकार को अपनी प्रोपर्टी (Property) रहने के लिए दे रखी है और वो वहां 11 साल से ज्यादा साल रह रहा है तो वो उस संपत्ति पर अधिकार (Property Rights) जमा कर सकता है. इसके उलट अगर कोई किराएदार है और मकान मालिक समय-समय पर रेंट एग्रीमेंट (rent aggrement) बनवा रहा है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. इस स्थिति में कोई भी व्यक्ति उनकी संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकता.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

 सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसला में कहा था कि लिमिटेशन ऐक्ट 1963 के तहत निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन (परिसीमन) की वैधानिक अवधि (statutory period) 12 साल जबकि सरकारी अचल संपत्ति के मामले में 30 वर्ष है. यह मियाद कब्जे के दिन से शुरू होती है.

बता दें कि कानून उस व्यक्ति के साथ है जिसने अचल संपत्ति (Immovable Property) पर 12 वर्षों से अधिक से कब्जा कर रखा है. अगर 12 वर्ष बाद उसे वहां से हटाया गया तो उसके पास संपत्ति पर दोबारा अधिकार पाने के लिए कानून की शरण में जाने का अधिकार है.

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