Land Occupied : आपकी प्रोपर्टी पर कोई दूसरा कर ले कब्जा तो करें ये काम, मुआवाजे के साथ वापस मिलेगी जमीन
My job alarm - Property Knowledge: प्रॉपर्टी पर अतिक्रमण के मामले सामने आते ही रहते हैं और यही संपत्ति विवाद का कारण बनते हैं. हाल ही के वर्षों में भूमाफियाओं ने लोगों की पट्टे की जमीन तक हड़प ली है. जमीन व संपत्ति पर अवैध कब्जे (Illegal occupation of property) से जुड़े ढेरों मामले देश की अदालतों में चल रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि भूमि अतिक्रमण (Land Encroachment) से निपटने के कानूनी तौर-तरीकों के बारे में जानकारी ले ली जाए.
क्या है भूमि अतिक्रमण?
गलत नीयत और जानबूझकर से किसी की जमीन व संपत्ति के कुछ हिस्से या पूरी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेना, अतिक्रमण (Encroachment) कहलाता है. देश में अधिकतर मामले जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर सामने आते हैं इसलिए कई भूस्वामी, जमीन खरीदने के बाद उसके चारों ओर बाऊंड्री वॉल का निर्माण करते हैं, साथ ही वहां पर मालिकाना हक को लेकर बोर्ड लगाते हैं.
देश में अतिक्रमण को अपराध माना गया है और भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 441 भूमि एवं संपत्ति के अतिक्रमण पर लागू होती है. अगर कोई व्यक्ति इम कानून के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जुर्माना और जेल दोनों होती है.
भूमि अतिक्रमण कानून
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 441 भूमि एवं संपत्ति के अतिक्रमण पर लागू होती है. इसके तहत भूमि अतिक्रमण करने पर जुर्माने का प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे जुर्माना और 3 महीने तक की कैद होती है. अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन या संपत्ति पर अवैध करता है तो आप इस कानून की मदद से अदालत में गुहार लगा सकते हैं.
अवैध कब्जा होने पर ऐसे करें शिकायत-
- अगर आपकी जमीन या संपत्ति पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो सबसे पहले अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराएं.
- जमीन या प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा होने की स्थिति में भू-स्वामी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ आदेश 39, नियम 1 और 2 के तहत मामला दर्ज कर सकता है.
- कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद न्यायपालिका अतिक्रमण पर रोक लगा सकती है. न्यायपालिका अतिक्रमण (Judiciary encroachment) संबंधित कानून के अनुसार मुआवजे का भुगतान करने का आदेश भी दे सकती है.
- मुआवजे की रकम की गणना मौजूदा भूमि मूल्य और भूस्वामी को हुई हानि के आधार पर की जाती है.
जमीन अतिक्रमण विवाद सुलझाने के 2 तरीके
पहला आपसी सहमति से और दूसरा कानून का सहारा लेकर इस मामले से निपटा जा सकता है. इनमें मध्यस्थता, जमीन का विभाजन, संपत्ति बेचना और किराए पर दे देना जैसे विकल्प हैं। वहीं, अगर आप भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कोर्ट (Court) जाने की तैयारी करते हैं आपके पास हक विलेख और खरीदी अनुबंध समेत अन्य अहम दस्तावेज (Documents) होने चाहिए ।