Income tax raid : एक - एक पैसे की मोहताज मजदूर महिला निकली 100 करोड़ की मालकिन, इनकम टैक्स विभाग ने मारा छापा
Income tax : इन दिनों इनकम टैक्स विभाग सख्ती से कार्रवाई कर रहा है और टैक्स चोरी की सूचना मिलते ही तुरंत छापेमारी करता है। हाल ही में विभाग ने एक महिला के घर छापा मारा, जो मजदूरी करके अपना गुजारा करती है और पाई-पाई को मोहताज है। हैरानी की बात यह है कि यह महिला, मजदूरी कर अपना घर चलाती है, लेकिन जब आयकर विभाग ने छापा मारा तो मजदूर महिला 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की मालकिन निकली। उसे खुद इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके नाम इतनी बड़ी संपत्ति है। आइए नीचे खबर में जानते हैं क्या है पूरा मामला -
My job alarm - जयपुर में इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) को एक ऐसा मामला मिला जिसने सभी को हैरान कर दिया। यह मामला एक आदिवासी महिला से जुड़ा है, जो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। जबकि असल में वह 100 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन निकली। यह संपत्ति जयपुर-दिल्ली हाईवे (Delhi Highway) के पास 64 बीघा जमीन है, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। लेकिन, यह महिला इस संपत्ति के बारे में अनजान है और उसे यह तक नहीं पता कि यह जमीन उसके नाम कैसे आई और कब खरीदी गई।
मामला कैसे सामने आया?
इनकम टैक्स विभाग (income tax news) को यह जानकारी तब मिली, जब उन्हें शिकायत मिली कि दिल्ली और मुंबई के बड़े उद्योगपति आदिवासियों के नाम पर बड़ी संख्या में जमीन खरीद रहे हैं। यह खरीद-फरोख्त कागजों पर ही हो रही थी, और असल में जमीन का उपयोग किसी और के द्वारा किया जा रहा था। कानून के अनुसार, आदिवासियों की जमीन केवल आदिवासी ही खरीद सकते हैं। लेकिन यहां कुछ उद्योगपति इन नियमों को दर किनार कर फर्जी नामों का उपयोग कर जमीनें खरीद रहे थे। इस अनियमितता की जांच करते हुए इनकम टैक्स विभाग ने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर 64 बीघा जमीन खोज निकाली, जिसकी मालकिन राजस्थान (Rajasthan News) के सीकर जिले के दीपावास गांव की संजू देवी मीणा निकलीं।
जमीन पर इनकम टैक्स विभाग का कब्जा
इनकम टैक्स विभाग (Income tax raid ) ने जयपुर-दिल्ली हाईवे के पास दंड गांव में स्थित इस जमीन पर कब्जा कर लिया है। वहां बैनर लगाकर घोषणा की गई है कि यह जमीन बेनामी संपत्ति (Benami property) है और इसे बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत जब्त किया जा रहा है। बैनर पर साफ लिखा है कि इस जमीन की मालकिन संजू देवी मीणा हैं, जो इस जमीन की वास्तविक मालिक नहीं हो सकतीं। इसलिए, विभाग ने तत्काल प्रभाव से जमीन पर कब्जा कर लिया।
संजू देवी के नाम निकली करोड़ों की संपत्ति
संजू देवी, जो राजस्थान के नीम का थाना तहसील के दीपावास गांव में रहती हैं, संजू देवी को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि वह इतनी बड़ी संपत्ति की मालकिन हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति और ससुर मुंबई में मजदूरी किया करते थे। 2006 में, उनके पति ने उन्हें जयपुर के आमेर में ले जाकर किसी कागज पर अंगूठा लगवाया था। उस समय उन्हें यह नहीं पता था कि वह किस कागज पर हस्ताक्षर कर रही हैं।
संजू देवी के पति की मृत्यु हुए अब 12 साल हो चुके हैं। उनकी मृत्यु के बाद, संजू देवी की स्थिति और कठिन हो गई। उन्होंने बताया कि कुछ समय तक हर महीने 5000 रुपये उनके घर कोई देकर जाता था, जिसमें से ढाई हजार रुपये उनकी फुफेरी बहन रख लेती थी और ढाई हजार वह खुद रखती थीं। लेकिन, अब कई सालों से वह रकम भी आनी बंद हो गई है। उन्हें इस संपत्ति के बारे में तब पता चला जब इनकम टैक्स विभाग ने जमीन पर कब्जा किया और उन्हें इस बारे में सूचित किया गया।
बेनामी संपत्तियों की खोज
इनकम टैक्स विभाग की जांच से यह खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर दिल्ली और मुंबई के उद्योगपति (Industrialist from Mumbai) आदिवासियों के नाम पर जमीनें खरीद रहे हैं। इस प्रक्रिया में, यह संपत्तियां कागजों पर किसी आदिवासी के नाम से खरीदी जाती थीं और फिर पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) के जरिए उन्हें अपने नियंत्रण में ले लिया जाता था। इसी प्रकार की धोखाधड़ी से यह 64 बीघा जमीन भी खरीदी गई थी।
क्षेत्र में फैला हड़कंप
इस मामले के खुलासे के बाद, इलाके में हड़कंप मच गया है। गांव वालों का कहना है कि इस इलाके में कई कंपनियों ने भी जमीन खरीदी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह जमीनें असल में किसकी हैं। इस इलाके में कई सालों से जमीन की खरीद-फरोख्त होती आ रही है और कुछ मामलों में यह जमीनें कंपनियों के नाम पर हैं, लेकिन इनके असली मालिकों का कोई पता नहीं है।
इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई
इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में लगातार जांच कर रहा है और अब तक लगभग 1400 करोड़ रुपये की जमीन जब्त कर चुका है। इन जमीनों में से 69 मामलों में अदालत ने फैसला सुनाते हुए इन जमीनों को सरकार के नाम करने का आदेश दिया है। यह संपत्तियां बेनामी घोषित की जा चुकी हैं और सरकार को सौंप दी गई हैं। इनकम टैक्स विभाग के इस खुलासे के बाद, इस तरह की और भी संपत्तियों की जांच की जा रही है।
कानूनी पहलू और बेनामी संपत्ति अधिनियम
भारत में बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम (Benami Property Act) 1988 में लागू हुआ था, जिसका उद्देश्य बेनामी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करना है। इस अधिनियम के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी और के नाम से संपत्ति खरीदता है और असल में उसका मालिक कोई और होता है, तो उसे बेनामी संपत्ति कहा जाता है। इस तरह की संपत्तियों पर सरकार कब्जा कर सकती है और उन्हें जब्त कर सकती है।
इस अधिनियम के अंतर्गत, ऐसी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाता है और यदि कोई व्यक्ति इस तरह की संपत्ति का असली मालिक नहीं हो सकता, तो सरकार उसे अपने कब्जे में ले लेती है। इसी कानून के तहत संजू देवी की जमीन को भी इनकम टैक्स विभाग ने जब्त (Income Tax confiscated the land) कर लिया है।