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रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर, IRCTC ने ट्रेन में खाने को लेकर लिया बड़ा फैसला

Railway - रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में ट्रेन में मिलने वाले खाने को लेकर अक्सर लोगों को शिकायतें रहती है। मगर अब IRCTC ने बेस किचन की जगह क्लाउड किचन (Cloud Kitchen) बनाने का ऐलान कर दिया है। जिसकी शुरुआत मुंबई से हो चुकी है... आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ी पूरी जानकारी।

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रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर, IRCTC ने ट्रेन में खाने को लेकर लिया बड़ा फैसला

My job alarm - IRCTC Indian Railway Cloud Kitchen: रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में IRCTC ट्रेन के बेस किचन को क्लाउड किचन में बदलने की तैयारी कर रहा है, जिसकी शुरुआत मुंबई से हो चुकी है। दरअसल, ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की अक्सर खाने को लेकर खुब शिकायतें सामने आती हैं। जिसका अब भारतीय रेलवे ने हल खोज निकाला है।

बनेंगे 200 क्लाउड किचन-

रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में क्लाउड किचन का एक्सपेरिमेंट शुरू हो गया है। Iपिछले एक महीने से RCTC ने क्लाउड किचन को कुछ ट्रेनों में लागू किया है। पश्चिमी रेलवे जोन में 200 क्लाउड किचन स्थापित किए गए हैं। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश और गुजरात में भी क्लाउड किचन (Cloud Kitchen) शुरू किए जाएंगे। IRCTC के एक सिनीयर अधिकारी के अनुसार मुंबई के पवई, कुर्ला, पनवेल, ठाणे और चेंबूर जैसे इलाकों में क्लाउड किचन बनाया जाएगा। कुर्ला का क्लाउड किचन पहले ही शुरू हो चुका है।

 अगर आंकड़ों की मानें तो IRCTC महाराष्ट्र में 90 क्लाउड किचन बनाने पर फोकस (Focus) कर रहा है। बताया जा रहा है कि, इनमें से 50 क्लाउड किचन का काम पूरा हो चुका है और इनसे खाना ट्रेनों में सप्लाई किया जाता है।

कुर्ला क्लाउड किचन का संचालन शुरू-

मुंबई की LBS रोड पर स्थित कुर्ला क्लाउड किचन की रसोई सबसे बड़ी है। इसमें चार हजार लोगों का खाना तैयार किया  जा सकता है। कुर्ला में खाना तैयार होने के बाद इसे कोल्ड स्टोरेज वैन में रखकर लंबी दूरी वाली ट्रेनों में पहुंचाया जाता है। ट्रेन के पेंट्रीकार (Pantrycar) से यह खाना यात्रियों तक पहुंचता है।

सात सालों का है कॉन्ट्रैक्ट-

बताया जा रहा है कि सात साल के लिए क्लाउड किचन का कॉन्ट्रैक्ट अलग-अलग कैटरर्स को सौंपा जाएगा। इस क्लाउड किचन में साफ-सफाई और खाने की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। अभी के लिए रेलवे खाने से जुड़ी चीजों के लिए कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर निर्भर है। मसलन मुंबई का बेस किचन CSMT और मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर मौजूद हैं, जहां हर रोज आठ हजार से 12 हजार लोगों का खाना बनता है। हालांकि क्लाउड किचन बनने के बाद बेस किचन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

कैटरर्स पर लगेगा जुर्माना-

रेलवे स्टेशनों पर मौजूद बेस किचन से राजधानी, शताब्दी, तेजस और यहां तक की वंदे भारत एक्सप्रेस (Vandhe Bharat Express) में भी खाना सप्लाई होता है। हालांकि लंबी दूरी वाली ट्रेनों में खाना अक्सर खराब हो जाता है। मगर अब क्लाउड किचन का संचालन शुरू होने के बाद ट्रेनों में अलग-अलग जगहों से खाना पहुंचाया जा सकेगा। वहीं अगर खाने की गुणवत्ता (Quality) खराब पाई गई, तो कैटरर्स पर 5 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

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