House Renting Tips : किराये पर मकान देने से पहले जरूर जान लें ये बातें, वरना लगाते रहेंगे कचहरी और थाने का चक्कर
House Renting Tips : कई बार लोग एक्स्ट्रा इनकम कमाने के लिए अपना घर किराए पर दे देते हैं। ये काम के साथ-साथ एक्स्ट्रा इनकम कमाने का एक बढिया ऑप्शन है। लेकिन इस दौरान आपको अपना घर या प्रोपर्टी किराए पर देने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। ताकि बाद में कोई परेशानी न (Tips for renting a home) हो। आइए जानते हैं कि किराए पर घर देने से पहले आपको किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
My job alarm - अगर आपके पास एक्स्ट्रा घर या फ्लैट है और आप उसे किराए पर देकर अतिरिक्त आय कमाने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि प्रॉपर्टी किराए पर (House Renting Tips) देने से पहले आपको कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। जल्दबाजी में या आंख मूंदकर किया गया फैसला आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है। आपकी थोड़ी सी लापरवाही के चलते आपको कचहरी और थाने का चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं किन बातों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
घर किराए पर देते समय रखें इन जरूरी बातों का ध्यान-
अगर आप अपना घर या फ्लैट कभी भी किराए पर दे रहे हैं तो सबसे पहले आपको किरायेदार (these things to remember while renting) का नाम, पता, बैकग्राउंड और क्रिमिनल रिकॉर्ड पता कर लेना चाहिए। इससे धोखाधड़ी के मामले कम हो जाते हैं। अपना घर या फ्लैट किराए पर देते समय किरायेदार के परिवार के आधार कार्ड की कॉपी करवा के रख लें और इस कॉपी को के बारे में थाने में जानकारी दें।
ऐसा नहीं करने पर वसूला जाएगा जुर्माना -
यह थोड़ी सी सावधानी आपको बड़ी मुसिबत से बचाने में मदद करेगी। इस आधारकार्ड की कॉपी के बारे में थाने में जानकारी दें ओर बताएं कि ये हमारे यहां किराये पर रह रहा है। इसके अलावा अगर आप स्टूडेंट्स को (Tips for Renting Out Your Home) घर किराए पर दे रहे हैं तो आपको सबसे पहले उनकी जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए। साथ ही किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाना लेना चाहिए।अगर आप पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं ओर कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए आपसे जुर्माना भी वसूला जा सकता है।
किराए पर देने से पहले जरूर करा लें रेंट एग्रीमेंट -
अपना घर या मकान किराए पर देते समय आपको किरायेदार के साथ एक लिखित एग्रीमेंट भी बनवा लेना चाहिए। क्योंकि इस लिखित एग्रीमेंट में दोनों पक्षों के हितों की रक्षा के लिए नियम और शर्तें (What is the Rent Control Act in India) शामिल होती है। जिससे कि बाद में आपको किसी भी मुश्किलों का सामना न करना पड़े। जैसे कि अगर मकान में कोई नुकसान होता है तो इसके लिए किराएदार जिम्मेदार होगा, किराया कितने दिनों बाद बढ़ाया जाएगा और बिजली के मीटर अलग रखे जाएंगे। बिजली के लिए किराया अलग से दिया जाएगा। इसके अलावा इस लिखित एग्रीमेंट में टर्मिनेशन क्लॉज भी शामिल होंगे, जिसमें नोटिस पीरियड और समय पूरा होने पर खत्म होने की शर्तें बताई जाएं। इस पूरे लिखित एग्रीमेंट की एक फॉटो कॉपी अपने पास रख लें और मूल कॉपी मालिक के पास रख दें।
सिक्योरिटी डिपॉजिट भी है मददगार-
इसके अलावा भी कुछ और बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। जैसे कि किराये पर घर देने से पहले सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि तय कर लें। सिक्योरिटी डिपॉजिट (rent pr makan dete samay kya krna chaiye) की राशि आमतौर पर एक से तीन महीने के किराये के बराबर होती है। इसे किरायेदारी के अंत में वापस किया जाता है। बस इस राशि को देने की शर्त यह होती है कि घर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया हो। या यूं कहलों की यह एक प्रकार की गारंटी होती है जो कि किरायेदार द्वारा घर को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने के ली जाती है। जब भी अपना घर किराए पर दे रहे हैं तो हर मकान मालिक को घर किराये पर देने से पहले सिक्योरिटी के (Security Deposit) तौर पर रेंट रख लेना चाहिए।ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी कुछ इसी तरह के नियम बनाए गए हैं।