किराएदारों के हक में High Court का बड़ा फैसला, मकान मालिकों को दिया झटका
High Court Decision : मकान या दुकान किराये पर देने वालों को अब हाईकोर्ट (Big blow from High Court) की तरफ से बड़ा झटका दिया गया है। अगर आपने भी अपना मकान, दुकान या कोई अन्य संपत्ति किराये पद दे रखी है तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है। क्योंकि इस फैसले के मुताबिक आप अपना मकान, दुकान या किराये पर दी गई कोई अन्य प्रॉपर्टी को किरायेदार से खाली (Cannot get tenant to vacate) नहीं करवा सकते। आइये विस्तार से जानते हैं कि अब किरायेदार से मकान या दुकान खाली करवाने के लिए क्या करना होगा।
My job alarm- (Patna High Court's decision) अब मकान, दुकान या कोई अन्य संपत्ति किराये पर देने वालों की टेंशन बढ़ सकती है। क्योंकि पटना हाईकोर्ट ने होटल मालिक और किरायेदार के विवाद (Dispute between owner and tenant) के मामले की सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक अब कोई भी मकान, दुकान या अन्य भवन मालिक किरायेदार से जबरन बिल्डिंग खाली नहीं करवा सकता। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद किराये पर मकान, दुकान व होटल आदि देने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आइये नीचे खबर में जानते हैं कि अब किरायेदार से बिल्डिंग खाली करवाने के लिए मालिक को क्या करना पड़ेगा।
जबरन खाली नहीं करवा सकते भवन
पटना हाईकोर्ट ने होटल मालिक और किरायेदार के बीच विवाद मामले में दिए गए अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि कोई भी मकान मालिक गैर कानूनी तरीके और असामाजिक तत्वों की मदद से किरायेदार से जबरन भवन खाली नहीं करवा सकता। हाईकोर्ट के जस्टिस (High Court Justice) राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले में सुनवाई करने के दौरान यह बात कही। उन्होंने पटना स्थित फ्रेजर रोड पर एक होटल के मामले में ये सारी बातें कही।
होटल परिसर में वापस कब्जा दिलाने का दिया आदेश
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट का कहना था कि अगर मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिलीभगत (police collusion) हो तो भी हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी नहीं कर सकते। अदालत ने होटल मालिक की आपराधिक रिट याचिका (criminal writ petition) को मंजूर करते हुए पटना एसएसपी मनजीत सिंह ढिल्लो और कोतवाली थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कंपनी को तुरंत होटल परिसर पर वापस कब्जा दिलाने का निर्देश दिया है।
पुलिस ने भी किरायेदार की मदद नहीं की
कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार 24 फरवरी 2022 की आधी रात को होटल की बिल्डिंग के मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से (With the help of anti-social elements) होटल के ऑफिस को किरायेदार से जबरन खाली करा लिया और बिल्डिंग पर ताला लगा दिया। इसके बाद किरायेदार पुलिस की शरण में पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी दी। लेकिन पुलिस ने भी किरायेदार की मदद करने के बजाय मकान मालिक का ही साथ दिया।
पुलिस की विफलता बताई
उसके बाद किरायेदार ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और इसे गंभीर घटना मानकर इस मामले में पुलिस की (Said to be a failure of the police) विफलता बताई। कोर्ट का कहना था कि पुलिस को पीड़ित व्यक्ति को साथ देना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने कानून की परवाह न करते हुए और कानून को अपने हाथ लेने वाले मकान मालिक का साथ दिया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जब तक ऐसी घटना का संज्ञान नहीं लिया जाएगा। तब कानून का अनादर (disrespect for law) करने वालों का हौसला और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।