My job alarm

High Court : पति का मां-बाप पर ज्यादा पैसा खर्च करना पत्नी को नहीं आया पसंद, कोर्ट में डाला केस, अब आया अहम फैसला

High Court : हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया हैं कि दरअसल, माता-पिता पर ज्यादा समय और पैसा खर्च करना पत्नी को पसंद नहीं आया। और इतना ही नहीं इस बात को लेकर पत्नी ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया हैं। और महिला सचिवालय में सहायक के पद पर काम करती है। उसने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत सुरक्षा और मुआवजे की मांग करते हुए शिकायत दर्ज की थी। जानिए कोर्ट ने इसको लेकर क्या फैसला लिया हैं....
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High Court : पति का मां-बाप पर ज्यादा पैसा खर्च करना पत्नी को नहीं आया पसंद, कोर्ट में डाला केस, अब आया अहम फैसला

My job alarm - (High Court Decision) : आपको बता दें कि महिला को इस बात से आपत्ति थी कि उसका पति अपने माता-पिता की देखभाल में ज्यादा समय बिताता है। और उन पर पैसे भी खर्च करता है। इस शिकायत को लेकर महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि इसे घरेलू हिंसा माना जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। जानिए पूरा मामला...

जानकारी के लिए जान लें कि समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने पहले अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मजिस्ट्रेट कोर्ट (magistrates Court) में याचिका दायर की थी। यहां मन मुताबिक फैसला नहीं हुआ तो निचली अदालत के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी गयी। सेशन कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि किसी पुरुष द्वारा अपनी मां को समय और पैसा देना घरेलू हिंसा नहीं माना जा सकता।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशीष अयाचित ने अपने आदेश में कहा कि विपरीत पक्ष के खिलाफ आरोप अस्पष्ट और संदिग्ध हैं। और यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उसने महिला पर घरेलू हिंसा की।

  • राज्य सचिवालय में काम करती है महिला:-

महिला राज्य सचिवालय में सहायक के पद पर काम करती है। उन्होंने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कर सुरक्षा और मुआवजे की मांग की थी।

उसने आरोप लगाया कि उसके पति ने शादी से पहले अपनी मां की मानसिक बीमारी की बात छिपाकर उसे धोखा दिया।

 

महिला ने यह भी दावा किया कि उसकी सास उसकी नौकरी के खिलाफ थी और उसे परेशान करती थी। पति और सास उससे झगड़ा करते हैं।

 

महिला ने अपनी याचिका में कहा कि पति सितंबर 1993 से दिसंबर 2004 तक अपनी नौकरी के लिए विदेश में रहे। जब भी वह छुट्टियों पर भारत आते थे, तो अपनी मां से मिलने जाते थे और उन्हें हर साल 10,000 रुपये भेजते थे। वहीं ससुराल वालों ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

पति ने कहा कि महिला ने उसे और उसके परिवार को कभी अपना नहीं समझा. उनके सारे आरोप झूठे हैं. उसकी क्रूरताओं से परेशान होकर पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी।

पत्नी ने बिना किसी जानकारी के अपने पति के एनआरई खाते से 21.68 लाख रुपये निकाल लिए और इस रकम से एक फ्लैट खरीद लिया।

 

फैसले के अंत में, जब महिला की याचिका लंबित थी, ट्रायल कोर्ट (मजिस्ट्रेट) ने उसे प्रति माह 3,000 रुपये का अंतरिम रखरखाव भत्ता दिया।

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