My job alarm

High Court Decision : चैन से नहीं रहने देती बहू तो हाईकोर्ट ने बताया सास ससुर के पास क्या है अधिकार

rights of mother-in-law and father-in-law : आजकल घरेलू कलह के मामले काफी बढ़ गए हैं। खासकर सास-ससुर व बहू के विवाद काफी सामने आ रहे हैं। कहीं सास-ससुर की प्रताड़ना को बहू झेल रही है तो कहीं बहू सास-ससुर को चैन से नहीं रहने दे रही। कुछ मामलों में बहू-बेटे की चिकचिक के कारण सास-ससुर को अशांति और परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। अब कोर्ट ने सास-ससुर को कई अधिकार प्रदान किए हैं, जिससे उनको बहू की रोज की चिक-चिकबाजी से छुटकारा मिलेगा।

 | 
High Court Decision : चैन से नहीं रहने देती बहू तो हाईकोर्ट ने बताया सास ससुर के पास क्या है अधिकार

My job alarm - (Property Rights) घरेलू विवादों के अलावा संपत्ति विवादों के मामलों में समय-समय पर आए अलग-अलग कोर्ट के फैसले लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक व सचेत भी करते हैं। हाल ही में कोर्ट के एक फैसले (High Court Decision on property) से स्पष्ट होता है कि बहू का सास-ससुर की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होता। अगर सास-ससुर बहू की चिकचिक से परेशान हैं और साथ न रखना चाहें तो वे उसे अपनी संपत्ति  से बेदखल भी कर सकते हैं।

 

यह किया कोर्ट ने स्पष्ट

 


हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि अब बुजुर्ग अपने बेटे और बहू के बीच होने वाले झगड़े से खुद अशांति झेलने पर मजबूर नहीं होंगे। अगर सास-ससुर को लगता है कि बहू ही झगड़ालू है तो वे उसे घर से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। इस बात को हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्लियर कर दिया है।  

 

सास-ससुर को दिए ये अधिकार

 


High Court ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत सुनाए गए फैसले में कहा कि कोई भी बहू जबरन संयुक्त घर (Joint House) में रहने का हक नहीं रखती। अगर सास-ससुर अपनी बहू की झगड़ालू प्रवृत्ति से परेशान हैं तो वे अपनी प्रोपर्टी से बहू को बेदखल कर सकते हैं। सीनियर सिटीजन होने के नाते भी बुजुर्गों को शांतिपूर्ण जीवन जीने का पूरा अधिकार है। वे अपनी शांति के लिए ऐसी बहू को संपत्ति से बेदखल  करने का पूरा अधिकार रखते हैं।

बहू को दिया जाएगा वैकल्पिक आवास 


हालांकि कोर्ट ने इस फैसले के तहत सास-ससुर को बहू को अपनी प्रोपर्टी से बेदखल करने का अधिकार (rights of evicted from property)दिया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उनके बेटे व बहू के बीच शादी जारी रहने तक बहू के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था करके देनी होगी।  हाईकोर्ट के जस्टिस ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ एक बहू की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इसमें बहू की ओर से तर्क दिया गया था कि उसे ससुराल में रहने का अधिकार (daughter-in-law's right in property) नहीं दिया गया है। 

सास-ससुर से लेनी होगी अनुमति

इस मामले में अदालत ने कहा कि बहू का उस संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ससुर द्वारा स्वअर्जित (Self Acquired Property) प्रोपर्टी में ससुर का ही हक और मर्जी होती है। ससुर की अनुमति होने पर ही बहू को प्रोपर्टी में अधिकार मिल सकता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि किसी महिला के पति का किसी संपत्ति में अधिकार है तो उसकी पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता। ससुर की स्वअर्जित संपत्ति (in-laws property) में तो कतई नहीं होता।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now