GST रिटर्न को लेकर सरकार लाई नए नियम, अगले साल से हो जाएंगे लागू
GST - जीएसटी रिटर्न में अगले साल से महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं. नए नियम के मुताबिक जीएसटी बिक्री रिटर्न, देनदारी भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह से संबंधित रिटर्न पर लागू होंगे. बताया जा रहा है कि ये नए नियम अगले साल से लागू हाेंगे...

My job alarm - जीएसटी रिटर्न में अगले साल से महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं. 2025 की शुरुआत से, जीएसटी करदाता निर्धारित तारीख से तीन साल बाद मासिक और वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे. माल एवं सेवा कर नेटवर्क (Goods and Services Tax Network) ने इस संबंध में एक परामर्श जारी किया है.
नए नियम के मुताबिक जीएसटी बिक्री रिटर्न, देनदारी भुगतान, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह से संबंधित रिटर्न पर लागू होंगे. इसका मतलब है कि रिटर्न जमा (return deposit) करने की नियत तारीख की तीन साल की अवधि खत्म होने के बाद रिटर्न दाखिल करने पर पाबंदी लगेगी, जो करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है.
जीएसटीएन ने कहा, ‘‘उक्त बदलाव अगले साल (2025) की शुरुआत से जीएसटी पोर्टल (GST Portal) में लागू होने जा रहा है. इसीलिए, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने रिकॉर्ड का मिलान कर लें और अभी तक जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है तो जितनी जल्दी हो उसे भर दें.’’
एक्सपर्ट्स ने कहा ये महत्वपूर्ण बदलाव-
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के रजत मोहन ने बताया कि जीएसटीएन ने अनुपालन में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, इस बदलाव के तहत तीन साल की समयसीमा के बाद जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर रोक है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह कदम समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने, आंकड़ों की विश्वसनीयता बढ़ाने और जीएसटी प्रणाली के भीतर बिना भरे रिटर्न के ‘बैकलॉग’ को संभावित रूप से कम करने के मकसद से जुड़ा है. देरी से रिटर्न फाइल किए जाने से जुड़े मामले में अवधि को सीमित करने से करदाताओं को अपने रिकॉर्ड का मिलान करने और सुधारने के लिए प्रेरित किया गया है.’’
मोहन ने कहा, ‘‘हालांकि, यह उन करदाताओं के लिए चुनौतियां भी पैदा कर सकता है, जिन्होंने रिटर्न भरा ही नहीं है. खासकर उन करदाताओं के लिए जो पुराने रिकॉर्ड को समेकित करने में प्रशासनिक या लॉजिस्टिक समस्याओं (administrative or logistical problems) का सामना कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि कंपनियों को सक्रिय रूप से अपने रिटर्न फाइलिंग का ऑडिट करने और बची हुई अवधि के भीतर अगर कोई बचा हुआ रिटर्न है, तो उसका समाधान करने की सलाह दी जाती है.