UP वालों के लिए गुड न्यूज, सरकार ने बिजली दरों को लेकर किया बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर सामने आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घोषणा की है कि उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाने पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं देना होगा। स्मार्ट मीटर (smart meter) लगाने का पूरा खर्च कंपनियों द्वारा उठाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिलेगा। इसके अलावा, आयोग ने बिजली की नई दरों को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। आइए नीचे खबर में जानते हैं -
My job alarm - (Up Electricity Rates) उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने की घोषणा की है, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी। विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी कि पांचवें साल भी बिजली दरों (electricity rates) में कोई बदलाव नहीं होगा, और दरें यथावत रहेंगी।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव खारिज
बिजली कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष 11,203 करोड़ रुपये के गैप को पूरा करने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, आयोग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कंपनियों के एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) में भी भारी कटौती की। बिजली कंपनियों ने लगभग 1,01,784 करोड़ रुपये का एआरआर (ARR) दिखाया था, जिसे आयोग ने कम किया। इसके अलावा, आयोग ने 1,944 करोड़ रुपये का सरप्लस भी निकाला है, जो बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने के फैसले में सहायक रहा।
स्मार्ट मीटर पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं
विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए यह घोषणा की कि स्मार्ट मीटर की स्थापना का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। यह कदम उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि स्मार्ट मीटर की लागत उपभोक्ताओं को खुद वहन नहीं करनी पड़ेगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोड़ने और काटने के लिए प्रस्तावित 50 रुपये शुल्क को भी आयोग ने खारिज कर दिया है।
3 किलोवाट उपभोक्ताओं के लिए 3-फेज कनेक्शन की सुविधा
अब 3 किलोवाट बिजली कनेक्शन (electricity connection) वाले उपभोक्ता भी 3-फेज कनेक्शन ले सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल 5 किलोवाट के कनेक्शन वालों को ही मिलती थी। इस फैसले से उन उपभोक्ताओं को फायदा होगा, जो अधिक क्षमता वाली बिजली चाहते हैं, लेकिन अब तक उनके पास यह विकल्प नहीं था। इससे उन्हें बेहतर और स्थिर बिजली की आपूर्ति मिल सकेगी।
बिजली दरों का निर्धारण और लाइन हानियां
इस साल बिजली दरों का निर्धारण 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है। लाइन हानियों का मतलब है कि बिजली वितरण के दौरान कुछ हद तक बिजली का नुकसान होता है, जिसे न्यूनतम रखना हर बिजली वितरण कंपनी का उद्देश्य होता है। आयोग ने इस आधार पर बिजली दरें तय की हैं, जिससे वितरण प्रणाली में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी।
हरित ऊर्जा (ग्रीन टैरिफ) में कमी
आयोग ने हरित ऊर्जा (green energy), जिसे ग्रीन टैरिफ भी कहा जाता है, को बढ़ावा देने के लिए इसमें भी कटौती की है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हरित ऊर्जा दर 0.44 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 0.36 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है। इससे उपभोक्ता अब सस्ती दर पर हरित ऊर्जा का उपयोग कर सकेंगे, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
उपभोक्ता परिषद का स्वागत और संघर्ष का ऐलान
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे उपभोक्ताओं की जीत बताया। परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश वर्मा ने कहा कि आयोग द्वारा जारी नई बिजली दरों (new electricity rates) का अध्ययन किया जाएगा। उनका मानना है कि उपभोक्ताओं के पिछले 33,122 करोड़ रुपये के सरप्लस और वर्तमान में निकले सरप्लस को जोड़कर आयोग के समक्ष जनहित याचिका दायर की जाएगी। इसका उद्देश्य बिजली दरों में और कमी करवाने के लिए संघर्ष जारी रखना है।
परिषद का कहना है कि जब तक बिजली दरों में और कमी नहीं हो जाती, तब तक वे इस संघर्ष को जारी रखेंगे। उनका मानना है कि राज्य के उपभोक्ताओं को और भी रियायतें मिलनी चाहिए, खासकर तब जब राज्य में सरप्लस धनराशि उपलब्ध है।