Gold Jewellery: सोने के गहनों को लेकर सरकार का बदला रवैया, इन गहनों पर लगाया बैन
Gold Jewellery Import: हमारे देश की वेशभुषा सबसे भिन्न हैं और इसमें आभुषणों से चार चांद लग जाते हैं। भारत में सोने के गहनों का आकर्षण और प्रेम किसी से छिपा नहीं है। भारतीय संस्कृति में सोने का खास (gold import ban) महत्व है, और इसकी खरीदारी को शुभ माना जाता है। इसी के चलते यदि आप भी सोने के गहने पहनना बेहद पसंद करते हैं तो इस खबर से आपको निराशा मिल सकती हैं दरअसल, सरकार द्वारा इन कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए हैं...

My job alarm - (Gold Jewellery Import) सोने के गहने खरीदना सिर्फ शौक ही नहीं बल्कि हमारे देश की परंपरा का भी हिस्सा हैं। हमारे समाज में सोना खरीदना और पहनना बेहद शुभ माना जाता हैं। इसी कडी में अगर आप भी (sone ka rate) सोना खरीदने के शौकिन हैं और अलग अलग तरह के स्टोन और डायमंड से निर्मित गोल्ड के गहने आपको आकर्षित करते हैं तो आपको इस खबर से थोडा झटका जरूर लग सकता हैं।
बता दें कि मोदी सरकार ने खास प्रकार से गोल्ड ज्वैलरी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार ने रत्नों और कीमती पत्थरों से सजे खास तरह के गोल्ड ज्वैलरी के इंपोर्ट पर पाबंदी लगाने का (studden gold jewellery) फैसला किया। बीते दिनों केंद्र सरकार ने स्टोन और कीमती पत्थरों से जुड़े हुए कुछ खास तरह के सोने के गहनों के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है। सरकार का ये फैसला इंडोनेशिया और तंजानिया से कीमती गुड्स के इंपोर्ट को कम कर सकता है।
खास तरह की गोल्ड ज्वैलरी के इंपोर्ट पर पाबंदी -
सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी खास तरह के गोल्ड के लिए हैं। अगर आप जेम्स और कीमती स्टोन से जडे सोने की ज्वैलरी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपको इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक मोती, स्टोन, खास किस्म के हीरे (sone ke gahane) या फिर दूसरे कीमत स्टोर या प्रीशियस स्टोन से जड़े सोने की ज्वैलरी के इंपोर्ट पर पाबंदी लगा दी गई है। सरकार ने इस तरह के सोने के गहनों के इंपोर्ट को मुक्त से अंकुश कैटेगरी में कर दिया है। यानी अब इस तरह के गहनों का आयात फ्री में नहीं होगा, बल्कि इसे रेस्ट्रिक्टेड कैटेगरी में डाल दिया गया है।
क्यों लिया गया फैसला -
सरकार ने इन खास तरह की गोल्ड ज्वैलरी को फ्री से हटाकर रेस्ट्रिक्शन कैटेगरी में डाल लिया है। यानी इसका मतलब है कि इस तरह के गुड्स के आयात के लिए सरकार से लाइसेंस/ अनुमति लेने की जरूरत होती है। इसे अब 'रेस्ट्रिक्टेड कैटेगरी' (Restriction Category gold jewellery) में डाल दिया गया है, जिसका मतलब है कि इन गहनों का आयात पहले की तरह बिना किसी नियंत्रण (gold hallwark) के नहीं किया जा सकेगा। इस निर्णय का उद्देश्य देश में सोने के आयात को नियंत्रित करना और घरेलू बाजार में उसकी अधिकता को कम करना है। हालांकि सरकार (gold import in india) ने स्पष्ट किया है कि भारत और संयुक्त राष्ट्र अमीरात के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) में इंपोर्ट ऑथराइजेशन के बावजूद भी इस तरह के जड़ाऊ गोल्ड ज्वैलरी के इंपोर्ट की मंजूरी लेनी होगी।
लगातार बढ़ रहा गोल्ड इंपोर्ट -
हर साल के आंकडों से आसानी से पता चलता हैं कि भारत का गोल्ड इंपोर्ट लगातार बढ़ रहा है। सुत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सोने का आयात 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022-23 में सोने का आयात 35 अरब डॉलर रहा था। इस साल (24 carat gold) मार्च में सोने का आयात 1.53 अरब डॉ लर रहा। स्विट्जरलैड सोने का सबसे बड़ा सोर्स है। कुल सोने के इंपोर्ट में इसकी हिस्सेदारी 40 फीसदी की है। बता दें कि चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत अपनी जरूरत का अधिक हिस्सा इंपोर्ट करता है।