Gold Buying Tips : सोना खरीदते वक्त बिल में जरूर चेक कर लें ये 5 चीजें, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान
Gold Shopping Bill : आज के दौर में सोने जैसी महंगी धातु खरीदते समय बिल लेना बहुत जरूरी है। मिलावटीखोरी की संभावनाओं को देखते हुए बिल का महत्व और भी बढ़ जाता है। सोने की खरीददारी पर बिल को लेकर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने भी विशेष रूप से नियम तय किए हुए हैं। इसी अनुसार आपको सोना खरीदते समय कई बातों को बिल में जरूर चेक कर लेना चाहिए। इसकी अनदेखी करने पर आपको भारी चूना भी लग सकता है। आइये जानते हैं सोना खरीदने के दौरान बिल में क्या-क्या चेक करना जरूरी है।

My job alarm - (Gold purchasing bill): सोने की शुद्धता और रेट के बारे में जानकारी आपके लिए सोना खरीदते समय सहायक सिद्ध होती है। हालांकि इसके बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आपको चूना लग सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए और भी कई बातों की जानकारी होनी जरूरी है, साथ ही सोना खरीदते समय विक्रेता की ओर से थमाए गए बिल (importance of gold bill) में कई चीजों को चेक करना जरूरी होता है। अगर आप सोना खरीद रहे हैं तो पक्का बिल बनवाते हुए उसमें ये तमाम चीजें जरूर चेक कर लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर आप बड़ी परेशानी से बच सकें।
इसलिए जरूरी होता है बिल-
सोना व चांदी के गहनों पर मोटी रकम लगती है, इसलिए इनका बिल बहुत जरूरी होता है। गहनों की खरीद करने के बाद बिल इसलिए भी लेना जरूरी है, क्योंकि भविष्य में गहनों में किसी तरह की मिलावट या गड़बड़ी आदि का पता लगता है तो बिल (sona lete samay bill kyo jruri hai) का होना बहुत जरूरी है। इसके बाद ही आपकी शिकायत सुनी जा सकती है। सोने की शुद्धता और बिलिंग जैसे नियम ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (Bureau of Indian Standards) की ओर से तय किए जाते हैं। BIS के अनुसार हमेशा हालमार्क वाले गहने खरीदने चाहिए। इसके बाद ज्वैलर से पक्का बिल लेना न भूलें।
गहनों के बिल में हालमार्क की जानकारी -
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के नियमों के अनुसार सोने के गहनों की खरीदारी करने पर विक्रेता की ओर से बिल दिया जाता है। इसमें हालमार्क की जानकारी होनी अनिवार्य है। इसके अलावा जितने भी गहने खरीदे जाते हैं, उन सभी की अलग-अलग डिटेल (gold bill) दी जानी जरूरी है। आप हर गहने की डिटेल चेक कर लें, क्योंकि हर गहने का मेकिंग चार्ज अलग होता है। कहीं ऐसा न हो कि सोन के अलग-अलग आइटमों में एक ही में करके वजन दे दिया जाए। इससे आपको चूना लग सकता है।
सोने की कैटेगरी सहित ये सब होता है बिल में-
कई सर्राफा व्यापारी सोने की कैटेगरी (rules of gold bill) में ही गड़बड़ कर देते हैं। अधिकतर गहनों को 22 कैरेट सोने में ही बनाया जाता है। इसलिए आप इसकी शुद्धता जरूर जांच (how to check gold purity) लें। कई बार 22 कैरेट सोने में दूसरी धातुओं का अधिक मिश्रण कर दिया जाता है, जो आपको चूना लगा सकता है। ये सब बिल में मेंशन होना जरूरी है। बिल में आपको गहने का नाम,वजन, शुद्धता आदि का ब्योरा अलग से लिखा मिलता है। कैरेट के हिसाब से गोल्ड का मौजूदा रेट भी बिल में होता है। इसके अलावा राज्य व शहर अनुसार गहने बनवाने पर लगने वाले मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क चार्ज और जीएसटी आदि भी बिल में लिखा होता है। आप यह सब जरूर जांच लें।
गहनों में लगे स्टोन को बिल में कराएं एड-
आजकल गहनों पर कई तरह के डिजाइन लुक भी मिलते हैं। ये अधिकतर स्टोन आदि के रूप में होते हैं। आप इस बात का ध्यान रखें कि इसे बिल में लिखा गया है या नहीं। कहीं उसे भी सोने के रेट में तो नहीं कैलकुलेट कर लिया गया। ऐसा होने पर आपको मोटा चूना लग सकता है। गहने में लगा स्टोन कितने वजन का है और कौन सा है, यह सब बिल में एड करा लें व उसका रेट सोने के रेट (sone ka taja rate kaise pta kre) से अलग होगा, वह उसी अनुसार बिल में जुड़ा होना चाहिए।
सोने की शुद्धता को जांचना जरूरी -
जब भी सोना खरीदें तो इसकी शुद्धता (sudh sone ki pahchna kaise kre) की जरूर जांच कर लें। गोल्ड की प्योरिटी चेक करा लेना आपके लिए आर्थिक तौर से फायदेमंद रहता है। इससे आप चूना लगने से बच सकेंगे। अगर आपको गोल्ड की शुद्धता को लेकर को शक का शिकायत है तो BIS आपको इसकी शुद्धता की जांच कराने की सुविधा भी देता है। ग्राहक BIS से अधिकृत किसी एसेंइग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (Assigning and Hallmarking Center) पर सोने की शुद्धता की पड़ताल करवा सकते हैं। हालांकि इसके लिए ग्राहक को टेस्टिंग चार्ज पे करना होगा। एसेंइग एंड हॉलमार्किंग सेंटर्स की BIS की ओर से सूची भी जारी की जाती है, इसमें आप अपने नजदीकी सेंटर पर जाकर सोने की जांच करा सकते हैं।