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FASTAG : अब टोल प्लाजा पर नहीं चलेगा फास्टैग, कैश का झंझट भी खत्म

Toll tax new Rules : नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों के लिए एक बेहद जरूरी खबर सामने आ रही है। हर एक वाहन चालक को हाईवे पर यात्रा करते समय टोल टैक्स का भुगतान करना होता है। ये भुगतान या तो फास्टैग द्वारा किया जाता है या फिर कैश पेमेंट के जरिए, लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा नही होगा। आपका ये फास्टैग और कैश का झंझट अब खत्म होने वाला है। नया टोल टैक्स का नियम जल्द आने वाला है। आइए जान लें अब से कैसे कटेगा टोल टैक्स...
 
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FASTAG : अब टोल प्लाजा पर नहीं चलेगा फास्टैग, कैश का झंझट भी खत्म

My job alarm - New Toll Tax Rules 2024 : भारत एक विकासशील देश है। इसे विकसित बनाने के हर सफल प्रयास जारी है। देश में सबसे पहले यातायात को सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए लगातार हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण जारी है। इससे देश में कनेक्टिविटी तो बढ़ ही रही है साथ ही सफर का समय भी आधा रह गया है। अब हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण हो ही रहा है तो इसी के साथ ही टोल सिस्टम (Toll System) को भी अपडेट मिलने वाला है।

तेजी से ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में इन रास्तों पर गाड़ियों को और रफ्तार देने के लिए सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। टोल के लिए जारी नए नियम के अनुसार अगर आप हाईवे या एक्सप्रेस वे पर गाड़ी चलाते हैं तो अब आपको 20 किलोमीटर तक के लिए कोई टोल नहीं देना होगा। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री (Road Transport and Highway Ministry) ने उन प्राइवेट गाड़ियों को ये छूट दी है, जिनमें ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लगा होगा।


सबसे पहले तो आइए समझते हैं कि क्या है ये ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) और कैसे करेगा ये पूरा सिस्टम काम, कैसे हाईवे और एक्सप्रेस वे पर आपके सफर का अंदाज बदल जाएगा ?

 
उतना ही टैक्स करेंगे वसूल जितनी चलेगी गाड़ी
इस नए सिस्टम की सबसे खास बात ये है कि सबसे पहले तो आपको अपनी यात्रा के दौरान कही टैक्स (tax) देने के लिए नही रूकना होगा। आप बिना रूकावट के अपनी यात्रा संपन्न कर सकेंगे। दूसरा ये कि अब आपको केवल उतना ही टैक्स देना होगा जितनी कि आपकी गाड़ी ने दूरी तय की होगी। क्योंकि ये सैटेलाइट-आधारित टोल प्रणाली जीएनएसएस तकनीक पर निर्भर करती है, जिससे गाड़ियों का सटीक लोकेशन ट्रेस हो जाता है। जिससे गाड़ियां जितनी दूरी तक चलती है, उतना ही टैक्स देना पड़ता है। नए टोल क्लेशन के लिए गाड़ियों में ऑन-बोर्ड यूनिट्स (OBU) और GPS का होना जरूरी है। नया सिस्टम फास्टैग (fastag) या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) तकनीक से अलग होगा।   


20 किमी तक टोल टैक्स की छूट   
अगर आप भी एक वाहन चालक है और हाईवे पर सफर करते है तो आपको बता दें कि रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम 2008 में संशोधन कर दिया है। पिछले दिनों सरकार द्वारा GPS आधारिक टोल प्रणाली को मंजूरी दे दी है। इस नए सिस्टम के तहत गाड़ियों को टोल प्लाजा (Toll plaza) पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। नए सैटेलाइट-आधारित सिस्टम के जरिए बिना फास्टैग या फिर बिना कैश के झंझट के सीधे गाड़ियों के नंबर प्लेट की मदद से टोल टैक्स कट जाएगा। इस नए सिस्टम से गाड़ियों से जीपीएस के जरिए टोल वसूला जाएगा। सरकार ने GNSS से लैस निजी गाड़ियों को 20 किमी तक टोल टैक्स की छूट दी है।  


बिना कहीं रुके मिलेगा यात्रा का मजा, नही होगा टोल प्लाजा
हाल ही में सरकार की ओर से नए टोल सिस्टम को मंजूरी दे दी गई है। इस नए सिस्टम के आने के बाद लोगों को बिना कहीं रुके सफर का मजा मिलेगा। इस सिस्टम के तहत गाड़ियां जितना किलोमीटर चलेगी, उतना टैक्स कट जाएगा। एक बार यह सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाने के बाद देशभर में टोल नाके, टोल प्लाजा खत्म हो जाएंगे। इसके आने के बाद टोल प्लाजा पर लंबा जाम भी नहीं लगेगा। 


इस सिस्टम की वर्किंग के बारे में बता दें कि इस GNSS सिस्टम के तहत गाड़ी हाईवे या एक्सप्रेस (expressway) वे पर जितनी चलेगी, दूरी के हिसाब से अकाउंट से पैसा अपने आप कट जाएंगे। यानी गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। हाईवे पर फर्राटे से गाड़ियां भागेगी।  


क्या है ये GNSS टोल टैक्स सिस्टम? 


अगर आपने हाईवे पर यात्रा की है तो आप ये बात जरूर जानते होंगे कि हर शहर की सीमा पर आपको टोल प्लाजा मिलते है जिस पर की आपको टैक्स का भुगतान करते हुए आगे बढ़ना होता है। ये टोल टैक्स आप या तो फास्टैग या फिर कैश के जरिए चुकाते है। जिसके लिए आपको टोल प्लाजा (toll plaza) पर रूकना होता है। लेकिन नए टोल सिस्टम के बाद ऐसा नही होगा।  ये नया सिस्टम है GNSS सिस्टम जो कि एक सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम होगा, जिसमें गाड़ियों में लगी जीपीएस और OBU की मदद से टोल टैक्स कटेगा। ये पूरा सिस्टम भारत के अपने नेविगेशन सिस्टम GAGAN और NavIC की मदद से काम करेगा। इनकी मदद से गाड़ियों को ट्रैक करना आसान हो जाएगा।

 
जानिए कैसे काम करेगा ये नया Toll सिस्टम  


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नए टोल सिस्टम के लिए गाड़ियों में On-Board Units यानी OBU लगाए जाएंगे। इसी ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से हाईवे पर गाड़ियों को ट्रैक किया जाएगा। इसी ट्रैकिंग मशीन के जरिए हाईपर पर गाड़ियां कितनी दूरी चली है, उसकी गणना होगी।  इसकी मदद के लिए GPS और GNSS होंगे, जो टोल कैलकुलेशन में ओबीयू की मदद करेंगे। ये जीएनएसएस सिस्टम आधार पर लिंक गए गए बैंक खाते से अटैच होगा। गाड़ियां हाईवे, एक्सप्रेसवे जितनी दूरी चलेगी, पैसे सीधे अकाउंट से कट जाएंगे।  


क्या होगा इस नए सिस्टम का फायदा  


इस नए सिस्टम से आपको काफी फायदा मिलने वाला है। नए सिस्टम के पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद लोगों को टोल प्लाजा पर जाम से होने वाली परेशानियों का सामना नही करना पड़ेगा। वाहनचालकों को कैश या फिर फास्टैग के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। आप जितना चलेंगे, उतना ही टोल टैक्स देना पड़ेगा। वहीं 20 किमी तक की दूरी तक सफर के लिए आपको कुछ भी नहीं देना होगा। लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा।

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