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Divorce Law : विवाह के कितने समय बाद ले सकते है तलाक, जान लें कानूनी प्रावधान

Divorce Law In India :  सात जन्मों का बंधन कहे जाने वाला रिश्ता यानी की शादी के रिश्ते के आज के समय में वो मायने नही रह गए है। पहले लोग हर हालात में साथ रहते थे। एक दूसरे का हर स्थिति में साथ देते थे। लेकिन आज के समय में ऐसा नही है। आज कल के रिश्तों की जगह ईगो ने ले ली है। जहां भी जरा सी आत्म सम्मान पर बात आए लोग अलग होने में जरा भी देरी नही करते है। रिश्तों को अहमियत देना आज कल न के बराबर हो गया है। ऐसे में अगर आपने भी अभी अभी शादी की है और आपको ऐसा लगता है कि आप दोनो एक दूसरे के लिए अनुकूल नही है तो जाहिर सी बात है कि आप अलग होने का फैसला लेंगे। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आप शादी के कितने समय के बाद तलाक (Divorce in India) के लिए याचिका दायर कर सकते है।  
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Divorce Law  : विवाह के कितने समय बाद ले सकते है तलाक, जान लें कानूनी प्रावधान

My job alarm -(Divorce Time After Marriage ) शादी के बाद जरूरी नही है कि हर कोई पूरी उम्र के लिए साथ ही रहता है।  शादी जीवन का एक बहुत बड़ा फैसला होता है। इसमें की गई गलती के कारण व्यक्ति को जीवनभर पछताना पड़ सकता है। पहले के समय मे ऐसा होता था कि जीवसाथी कैसा भी हो उसी के साथ मरते दम तक निभाया जाता था। लेकिन आज का समय बदल चूका है। कई बार विवाद की स्थिति में लोगों के द्वारा अलग होने का फैसला लिया जाता है। अलग होने के लिए हमारे देश में तलाक जैसे कानून का प्रावधान (legal provision in India) है लेकिन अधिकतर लोगों को इसके नियमों के बारे में जानकारी नही होती है। जिन लोगों को लगता है कि वो पूरी उम्र एक साथ नही गुजार सकते है तो वो अलग होने का फैसला ले सकते है। जब शादी के बाद एक कपल के रिलेशन में दिक्कत आती (divorce rules) है और अलग होना ही एकमात्र उपाय बचता है तो लोग तलाक का सहारा लेते हैं। 


अधिकतर आपने ऐसा देखा होगा कि कपल लंबे वक्त तक साथ में रहते हैं और फिर अलग होना चाहते हैं। जबकि कई केस में शादी के कुछ वक्त बाद ही कपल्स के अलग होने की डिमांड आने लगती है। कई कपल्स तो 2-3 महीने भी साथ नहीं रह पाते हैं, लेकिन शादी के बाद तलाक (divorce after marriage)  लेने को लेकर एक समय सीमा है, जिसके बाद ही कोई व्यक्ति तलाक ले सकता है। ऐसे में सवाल है कि आखिर वो समय सीमा क्या है और कितने समय के बाद कानूनी तलाक (legal divorce process) के जरिए अलग हो सकते हैं। 


बहुत लोगों का ये मानना है कि लोग इस सीमा को एक साल बताते हैं, तो जानते हैं कि आखिर क्या सही में शादी के बाद एक साल तक तलाक नहीं लिया जा सकता है। तो समझते हैं भारत में तलाक को लेकर क्या नियम (rules for divorce) है?


जान लें शादी के कितने समय बाद ले सकते है तलाक


भारत देश में तलाक दो स्थितियां होती हैं। पहली तो ये कि एक तलाक वो होता है, जिसमें पति और पत्नी दोनों तलाक के लिए राजी हो और एक साथ नहीं रहना चाहती हों। दूसरी स्थिति ये है जिसमें कि पति-पत्नी में से कोई एक तलाक की अर्जी फाइल करता है। ऐसे में दोनों स्थितियों में तलाक के अलग अलग नियम है। 


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के एक वकील का इस बारे में कहना हैं कि अगर कंटेस्टेड डाइवोर्स (एक तरफा तलाक) फाइल किया जाता है तो शादी के एक दिन बाद भी ये तलाक फाइल किया जा सकता है। इस स्थिति में कोई भी समय-सीमा नहीं होती है और कपल में से कोई एक व्यक्ति चाहे जब फाइल कर सकता है। 


इसके अलावा, अगर म्यूचुअल तलाक फाइल (mutual divorce file) करना होता है तो इसके लिए समय सीमा निर्धारित है। कहने का मतलब ये है कि जब पति और पत्नी दोनों आपसी सहमति से अलग होना चाहते हैं तो इस स्थिति में शादी को एक साल होना जरूरी है। एक साल तक साथ रहने के बाद म्युचुअल डाइवोर्स फाइल किया जा सकता है। जिसके बाद भी कोर्ट की ओर से 6 महीने का वक्त सुलह के लिए दिया जाता है। एक बार 6 महीने के वक्त मिलने के बाद सेक्शन 13बी में फिर से टाइम दिया जाता है। 


हालांकि, इस दौरान कुछ परिस्थितियों में बिना टाइम दिए भी तलाक मिल सकता है। ये कोर्ट पर निर्भर करता है और कोर्ट कपल की परिस्थिति देखने के बाद ये डिसाइड कर सकती है कि कपल का कब तलाक के लिए अप्रूवल (divorce approval rules) दिया जाए। ऐसे में कहा जा सकता है कि कुछ स्थितियां अलग होती हैं और कोर्ट उन परिस्थितियों के हासिब से फैसला ले सकती है।

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