Daughter's Property Right : विवाहित बेटी का पैतृक और पिता की संपत्ति में कितना अधिकार, एक्सपर्ट ने बताई एक एक बात

My job alarm - (Women's Property rights) देश में संपत्ति के विवाद को लेकर आए दिन मामले सामने आते है। प्रोपर्टी के नियमों के बारे में जानकारी का अभाव देश में विवादों का कारण बना हुआ है। कोई सही तरीके ये अपने प्रोपर्टी के अधिकारों (property rights) और अपनी हिस्सेदारी के बारे में जानता ही नही है। इसके लिए किसी शख्स की बिना वसीयत लिखे मौत के बाद उसके कानूनी उत्तराधिकारियों में संपत्ति के बंटवारे (Division of property among legal heirs) को लेकर स्पष्ट कानून है। लेकिन इसके बाद भी कभी रिश्तेदार किसी को वाजिब हिस्सा देने में आनाकानी करते हैं तो कभी जागरूकता के अभाव में लोग अपने हक पर दावा नहीं ठोक पाते हैं। मान लो अगर ऐसी स्थिति में आप आ जाए तो आपको क्या करना चाहिए? आइए जान लेते है संपत्ति विवाद से जुड़े पाठकों के कुछ चुनिंदा सवाल और उस पर एक्सपर्ट के जवाब।
1. तपन एस. का सवाल- इनका सवाल है कि मेरी मां के 3 भाई और 1 बहन हैं। मेरे नाना की हाल ही में मौत हो गई और उन्होंने कोई वसीयत भी नहीं लिखी थी। उन्होंने अपने पीछे दो स्व-अर्जित संपत्तियां (self acquired property rights) छोड़ी हैं। अब मेरे मामा कह रहे हैं कि इन संपत्तियों में उनकी बहनों का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी शाद में पर्याप्त दहेज दिया गया था। क्या मेरी मां और मौसी के इन संपत्तियों में कोई अधिकार हैं?
जवाब- अगर आपके नाना की मौत बिना वसीयत लिखे हुई है और प्रॉपर्टी स्वअर्जित (self acquired property) है तो क्लास 1 के सभी कानूनी उत्तराधिकारियों की उन संपत्तियों पर बराबर हिस्सेदारी होगी। चूंकि आपकी मां और मौसी क्लास 1 उत्तराधिकारी हैं इसलिए दोनों इन संपत्तियों पर अपना दावा कर सकती हैं। उनकी वैवाहिक स्थिति या दहेज दिए जाने का इन संपत्तियों पर उनके कानूनी अधिकार (legal rights in India) पर कोई असर नहीं पड़ता।
2. शिल्पी का सवाल- शिल्पी का कहना है कि मैं पिछले तीन सालों से तलाकशुदा हूं और मैंने पुनर्विवाह भी नहीं किया है। मेरा एक 7 साल का बेटा है। क्या उसका मेरे पति की पैतृक संपत्ति में कोई अधिकार होगा?
जवाब- इसके जवाब में ये कहा गया है कि आपके बेटे को आपके पूर्व पति की पैतृक संपत्ति पर जन्मजात अधिकार (innate right to ancestral property) है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप तलाकशुदा हैं या आपके पति ने दूसरी शादी कर ली है और उस शादी से भी उनके बच्चे हैं।
3. एस. सक्सेना का सवाल- इन्होने सवाल किया है कि मैं एक 32 साल की विवाहित महिला हूं। क्या अगर मेरे पिता की बिना वसीयत लिखे मृत्यु हो जाती है तो उनकी स्वअर्जित और पैतृक संपत्तियों में मेरा भी अधिकार (Rights in self-acquired and ancestral properties of father) होगा?
जवाब- इसके जवाब में कहा गया है कि हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून (Hindu Succession (Amendment) Law) , 2005 के अनुसार, एक बेटी को पिता की स्वअर्जित संपत्ति में ठीक वहीं अधिकार है जो बेटे का है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि बेटी विवाहित है या अविवाहित। ऐसे में अगर आपके पिता की बिना वसीयत लिखे मौत होती है तो उनकी स्वअर्जित संपत्ति में आपका भी उतना ही अधिकार है जितना प्रथम श्रेणी के सभी कानूनी उत्तराधिकारियों (legal heirs rights) की।
यहां एक और बात ये है कि अगर उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी (property laws in India) का किसी अन्य के नाम वसीयत करना चुनते हैं तो आप उसमें अपना दावा नहीं कर सकतीं। हां, क्लास 1 उत्तराधिकारी होने की वजह स आप वसीयत को चुनौती जरूर दे सकती हैं। जहां तक पैतृक संपत्ति (ancestral property) की बात है तो उस पर आपका जन्म से ही अधिकार है।
4. विमल गुप्ता का सवाल- सवाल ये है कि मैं 76 साल का हूं और मेरी 2 स्वअर्जित संपत्तियां हैं जिनमें से एक सेल्फ-ऑकुपाइड है। मेरे 2 बच्चें हैं जो आर्थिक तौर पर स्वतंत्र हैं और उनके अपने-अपने घर हैं। हालांकि, इनमें मैं अपनी एक प्रॉपर्टी अपने दोनों बेटों को देना चाहता हूं। क्या मैं इसके लिए वसीयत का सहारा लूं या प्रॉपर्टी ट्रांसफर (property transfer rules) के लिए गिफ्ट डीड करूं?
जवाब- इसका जवाब ये है कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी मौत के बाद प्रॉपर्टी ट्रांसफर हो तो आप इसके लिए अपनी एक वसीयत लिख सकते हैं जिसमें संबंधित प्रॉपर्टी का पूरा ब्यौरा और किन-किन को मिलेगा, इसका स्पष्ट जिक्र हो। इसके लिए जरूरी है कि आपको अपनी वसीयत को पंजीकृत (register the will) भी कराना चाहिए ताकि वह ज्यादा विश्वसनीय हो और बिना किसी विवाद के आसानी से प्रॉपर्टी का ट्रांसफर हो जाए।
लेकिन यदि आप अपने जीते जी तुरंत प्रॉप्रटी को ट्रांसफर (property transfer in India) करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए गिफ्ट डीड करना चाहिए। अगर कोई संपत्ति सेल्फ-ऑकुपाइड हो तो उसका ट्रांसफर वसीयत के जरिए करना ठीक रहेगा ताकि जब तक आप जिंदा रहें, उस पर आपका पूरा कंट्रोल हो।