DA Update: कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में मर्ज होगा या नहीं, सरकार ने कर दिया क्लियर
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन पटल पर प्रश्न रखा भी गया था और केंद्र सरकार (Central government) ने इसका जवाब दे दिया है. सोमवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी(Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने इस प्रश्न का जवाब दिया. आइए नीचे खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से.
MY Job Alarm : (8th Pay Commission) आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा, अधिसूचना और गठन के बाद केंद्र सरकार (Central government) के 49 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के मन में एक बहुत बड़ा सवाल ये रहा है कि क्या महंगाई भत्ता(DA) या महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में मिलाया जाएगा. इसको लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन पटल पर प्रश्न रखा भी गया था और केंद्र सरकार ने इसका जवाब दे दिया है. सोमवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने इस प्रश्न का जवाब दिया.
क्या मूल वेतन में मर्ज होगा डीए?
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने बताया कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. स्पष्ट है कि पेंशनर्स के लिए भी यही बात लागू होगी, उनके लिए भी बेसिक सैलरी में महंगाई राहत (DR) मर्ज नहीं किया जाएगा.
क्यों था ये सबसे बड़ा सवाल?
दरअसल, पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी नहीं करते हुए इन्हें मूल वेतन में ही मर्ज कर दिया जाएगा. ऐसा होने पर डीए का कैलकुलेशन अगले टर्म से किया जाता और मर्ज किए गए मूल वेतन के अनुसार इसका कैलकुलेशन होता. उदाहरण के लिए अगर मौजूदा कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये है और 8वें वेतन आयोग में डीए मर्ज करते हुए उसका मूल वेतन 55 हजार रुपये कर दिया जाता. ऐसे में अगले टर्म में डीए 10 फीसदी तय किया जाता तो ये अमाउंट 5,500 रुपये होता.
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता?
केंद्र सरकार (Central government) बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करती है. महंगाई के असर को देखते हुए हर छह महीने में DA की दरें AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर रिवाइज की जाती हैं. पेंशनर्स के लिए DR यानी महंगाई राहत तय करने का भी यही फॉर्मूला होता है. डीए और डीआर की दरें बराबर होती हैं.
अब जबकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि डीए या डीआर, मूल वेतन में मर्ज नहीं होगा, ये तय है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता पहले की तरह मिलता रहेगा. ये AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर हर छह महीने में बढ़ता भी रहेगा.
अभी कितना है DA-DR?
फिलहाल केंद्रीय कर्मियों और पेंशनर्स के लिए DA-DR की दर 55% है. अक्टूबर में दिवाली से पहले केंद्र ने डीए-डीआर में 3% की बढ़ोतरी की थी. बता दें कि केंद्रीय कर्मियों के वेतन में डीए जुड़ा होता है, जबकि पेंशनर्स की पेंशन में डीआर जुड़ा होता है.
केंद्र सरकार (Central government) ने इसी साल की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी. चूंकि एक वेतन आयोग की सीमा 10 साल होती है और 7वां वेतन आयोग इसी साल अपना 10 साल की समयसीमा पूरी कर रहा है. ऐसे में केंद्र ने आठवें वेतन आयोग का ऐलान किया. वहीं पिछले दिनों इसका गठन भी कर दिया गया है.
जस्टिस (रिटायर्ड) रंजन देसाई की अगुवाई में आयोग का गठन किया गया है. सैद्धांतिक रूप से 2026 ही नया वेतन लागू होने का साल है. हालांकि माना जा रहा है कि इसे लागू करने में देर हो सकती है.
