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DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों का बढ़ा महंगाई भत्ता, जानिए कितना मिलेगा पैसा

DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियाें के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में आइए नीचे खबर में खबर में ये जान लेते है कि आखिर इस बढ़ोतरी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना उछाल आया है-

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DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों का बढ़ा महंगाई भत्ता, जानिए कितना मिलेगा पैसा

My job alarm - DA Hike: 5वें, 6वें और 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (central government employees) के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की गई है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से दी गई है। इस घोषणाओं से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें बढ़ती महंगाई के खिलाफ राहत मिलेगी। 

कितना बढ़ा DA?

छठे केंद्रीय वेतन आयोग (6th Pay Commission) के मूल वेतन के लिए महंगाई भत्ता अब 246% है, जो पहले 239% था। नई संशोधित दर 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होगी। इस बीच 5वें वेतन आयोग के लिए डीए (Dearness Allowance) 455% है, जो पहले 443% था और 1 जुलाई, 2024 से लागू है। 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए डीए 50% से बढ़ाकर 53% कर दिया गया है और यह 1 जुलाई 2024 से लागू होगा। इसका मतलब यह है कि सरकारी कर्मचारियों को भी 1 जुलाई से यथा लागू एरियर मिलेगा।

DA का ऐसे होता है कैलकुलेशन (DA Calculations)-

डीए की गणना हमेशा कर्मचारी के मूल वेतन (Basic Salary) के आधार पर की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि केंद्र सरकार के कर्मचारी का मूल वेतन छठे वेतन आयोग के अनुसार ₹43,000 प्रति माह है, तो नया डीए (DA) ₹1,05,780 होगा क्योंकि दर 246% है, जबकि पहले ₹1,02,770 था जब डीए 239% हुआ करता था। द इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग ने 7 नवंबर, 2024 को एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से घोषणा की।

महंगाई भत्ता क्या होता है? (What is DA)-

महंगाई भत्ता (DA Hike Update) सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन का एक अहम हिस्सा है, जो मुद्रास्फीति के प्रभाव से जीवनयापन की बढ़ती लागत को समायोजित करता है। यह भत्ता सरकार द्वारा साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में, संशोधित किया जाता है। इसका आधार वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करता है औरयह भी तय करता है कि कर्मचारी शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं या नहीं।

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