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Budget 2025 : आने वाले बजट को लेकर किसानों ने सरकार से की ये मांग, क्या करेंगी वित्त मंत्री

Budget 2025 Updates : सूत्रों के हिसाब से फरवरी में घोषित होने वाले बजट को लेकर बैठक शुरू हो चूकी है। सबसे पहले प्राइमरी सेक्टर के प्रतिनिधियों से देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बैठक की। इस बैठक के दौरान किसानों की ओर से कुछ मांगों को सरकार के आगे रख गया है जिसमें कि पीएम-किसान आय सहायता को दोगुना करने की मांग सबसे ऊपर रखी गई है। आइए जान लें और कोन कौन सी खास मांगों पर वित्त मंत्री विचार करने वाली है। 
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Budget 2025 : आने वाले बजट को लेकर किसानों ने सरकार से की ये मांग, क्या करेंगी वित्त मंत्री

My job alarm - (Pm Kisan Samman Nidhi Yojna ) हाल ही में बजट की चर्चाएं शुरू हो गई है जो कि आजकल सुर्खियों का कारण बन गई है। अगर आप भी एक किसान है या फिर आप किसान के परिवार से संबंध रखते है तो ये खबर आपके बेहद काम की है। वित्त मंत्री के साथ बैठक में किसानों के प्रतिनिधि की ओर से कुछ जरूरी मांगो को रखा गया (farmers demand from government) है। 


अगर किसानों की डिमांड की बात करें तो इस दौरान प्रमुख रूप से किसानों ने सरकार से सस्ता दीर्घकालिक ऋण (cheap long term loan) उपलब्ध कराने, कम कर लागू करने (less tax) और पीएम-किसान आय (PM kisan) सहायता को दोगुना करने का आग्रह किया। बैठक में दो घंटे तक विभिन्न प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान वित्तीय राहत, बाजार सुधार और रणनीतिक निवेश जैसी कृषि क्षेत्र की कई चुनौतियों का समाधान करने पर विचार किया (Budget 2025) गया। 


किसानों ने की जीएसटी में छूट की डिमांड   


हाल ही में बेठक में भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता और किसान कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लक्षित हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया। बता दें कि किसानों की मुख्य मांगों (Main demands of farmers in Budget 2025) में कृषि ऋणों पर ब्याज दर को एक प्रतिशत तक कम करना और वार्षिक पीएम-किसान किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना शामिल था। हितधारकों ने इसके अलावा कराधान सुधार प्रस्तावों के तहत कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज और दवाओं पर जीएसटी छूट की मांग (Demand for GST exemption) की। 


किसानों ने की जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग


बता दें कि पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशक दवाओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग (GST) की। जखड़ ने 8 साल के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश रणनीति का प्रस्ताव दिया। यह राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता (national agricultural productivity) बढ़ाने के लिए सोयाबीन और सरसों जैसी विशिष्ट फसलों पर केंद्रित है।


इसके अलावा, भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के अध्यक्ष धर्मेंद्र मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मेकेन‍िज्‍म की समीक्षा की मांग की, जिसमें भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्च को शामिल करने की मांग की गई।


इतना ही नही, उन्होंने कंपनी की वेबसाइटों पर एग्रीकल्‍चर मशीनरी (Agriculture Machinery price) की कीमत प्रदर्शित करने, मंडी के बुनियादी ढांचे में सुधार, 23 वस्तुओं से परे एमएसपी कवरेज का विस्तार करने, एमएसपी लेवल (MSP rates) से नीचे आयात की अनुमति नहीं देने और आपात स्थिति में न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करने की मांग की।


यह भी है किसानों की डिमांड


जैसा कि हमने आपको ऊपर विस्तार से बता दिया है कि जाखड़ ने राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए चना, सोयाबीन और सरसों जैसी विशिष्ट फसलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 8 वर्षों के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये की लक्षित निवेश रणनीति का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गणना (MSP calculation) में भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्चों को शामिल करना चाहिए। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त तथा कृषि मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी (Senior officials of agriculture ministries) भी बैठक में शामिल हुए।

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