UP News : यूपी के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, अब हर दिन बदलेंगे बिजली के रेट
UP News : इंटरनेशनल बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतों के मुताबिक जैसे रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol and Diesel Prices) में बदलाव होता है, कुछ वैसी ही व्यवस्था बिजली की कीमतों में भी लागू हो सकती है। जिसके चलते बिजली के रेट हर महीने बढ़-घट सकती हैं। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे...
My Job alarm - UP Electricity Price: इंटरनेशनल बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतों के मुताबिक जैसे रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन कीमतों को रोज सुबह अपडेट किया जाता है। लेकिन बिजली के मामले में ऐसा नहीं है इसका रेट पर यूनिट के हिसाब से तय किया गया है। लेकिन कुछ वैसी ही व्यवस्था बिजली की कीमतों में भी लागू हो सकती है। दरअसल, अब इसमें बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। अगर नया बदलाव होता है तो उसमें महीने बिजली रेट में कम ज्यादा हो सकते हैं।
UP में बिजली की कीमतों में होगा बदलाव?
उत्तर प्रदेश में इस समय बिजली का बिल यूनिट के हिसाब से निकाला जाता है। जितनी ज्याादा यूनिट खर्च होंगी उतना ज्यादा बिल आएगा। लेकिन इस नियम में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। जिस तरह से रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है उसी की तर्ज पर बिजली का बिल लाने की बात की जा रही है।
इसके लिए आयोग ने 19 सितंबर को आम जनता की सुनवाई बुलाई है। अगर बिजली कंपनियों को यह अधिकार दिया जाता है, तो इससे कंपनियां फ्यूल की कीमतें बढ़ने की स्थिति में उपभोक्ताओं पर बढ़ी कीमतें पासऑन कर सकेंगी। इससे बिजली कीमत अधिक हो जाएगी। फ्यूल की कीमत कम होने की स्थिति में बिजली कीमतें कम भी हो जाएंगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनकी कीमत फ्यूल की कीमत (fuel price) पर आधारित होगी। जिस दिन तेल की कीमत बढ़ेगी उस दिन बिजली की कीमत भी बढ़ाई जाएगी। वहीं, जिस दिन तेल की कीमतों में गिरावट आएगी उस दिन बिजली के रेट भी कम हो जाएंगे।
मौजूदा समय में फ्यूल सरचार्ज बढ़वाने के लिए बिजली कंपनियों को हर तीन महीने में आयोग के पास जाना होता है। इन मामलों पर आयोग सुनवाई करके सरचार्ज बढ़ाने या घटाने (Increase or Decrease Surcharge) का फैसला सुनाता है। लेकिन इस नियम के बाद कंपनियों को आयोग के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो खुद से ही बिजली के रेट बढ़ा सकते हैं।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव विरोध किया है। उन्होंने कहा है अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अगर बिजली कंपनियों को फ्यूल सरचार्ज लागू करने का अधिकार मिलता है, तो वो फ्यूल सरचार्ज घटने की स्थिति में उपभोक्ताओं को लाभ नहीं देंगी। मगर बढ़ने की स्थिति में बिजली कीमतों (Electricity Prices) में बढ़ोतरी कर देंगी। उन्होंने कहा कि आज तक बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज कम होने का लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को नहीं दिया है।