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UP के बाद बिहार में बदले रजिस्ट्री के नियम, प्रोपर्टी खरीददारों के बचेंगे लाखों रुपये

Land Registration Rule : बिहार में जमीन खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है। अब बिहार में जमीन खरीदना और भी ज्यादा सस्ता व आसान हो गया है। आप जानते हैं कि प्रोपर्टी को खरीदने के पूरे बजट का सबसे अधिक पैसा रजिस्ट्री पर ही खर्च होता है। ऐसे में बिहार सरकार ने हाल ही में रजिस्ट्री सिस्टम (Land Registration new rule) की व्यवस्था में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों से खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ होगा। इन नियमों के लागू करने से समय की  भी बचत होगी।आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में खबर के माध्यम से।

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UP के बाद बिहार में बदले रजिस्ट्री के नियम, प्रोपर्टी खरीददारों के बचेंगे लाखों रुपये

My job alarm - (Land Registration Rules in Bihar): प्रोपर्टी खरीददारों के पास सुनहरा मौका है। दरअसल, बिहार में डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में रजिस्ट्री सिस्टम में बदलाव किया गया है। 17 दिसंबर के बाद से यहां ई-रजिस्ट्री की शुरुआत हो चुकी है, जिससे रजिस्ट्री (Land registration new system) की प्रक्रिया अब और अधिक सरल होने जा रही  है। अब ई-रजिस्ट्री प्रणाली (E-Registry System) से दस्तावेजों का सत्यापन आसान होगा, जिससे धोखाधड़ी से भी बचाव होगा। अब इस सिस्टम के लागू होने के बाद पैसे की बचत के साथ कार्य की गति भी बढ़ेगी। इससे पहले यूपी में भी रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव हुआ था।

सत्यापन होने के बाद ही तैयार होगी डीड-

ई-रजिस्ट्री (Property E-Registry) के माध्यम से जमीन या अचल संपत्ति की जो भी खरीद-बिक्री होगी, उसके सत्यापन के लिए पहले आवेदन देना होगा। इसके सत्यापन के बाद डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस (Land Registration new system) के आवेदक को स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क की जानकारी दी जायेगी। सभी जानकारी का सत्यापन होने के बााद ही आवेदक जमीन का चालान और डीड तैयार करायेगा।

डीड की जांच के बाद होगी बायोमेट्रिक की शुरुआत-


डीड तैयार होने के बाद आवेदक को सिटीजन पोर्टल पर अपनी जानकारी भरनी होगी। जैसे ही आवेदक डिटेल्स फिल करते हैं उसके बाद आवेदक को जमीन खरीद-बिक्री का स्टॉक मिल जाएगा। स्टॉक मिलने के पश्चात डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में रजिस्ट्रेशन की आगे की प्रक्रिया (Registration ka process) अपने आप तय हो जाएगी। इसके बाद आवेदक द्वारा भरे गए डिटेल्स का सत्यापन किया जाएगा। तैयार की गई डीड के बाद अन्य डाटा के सत्यापन के बाद आगे की प्रक्रिया होगी। यहां पर सभी डाटा और डीड की जांच होगी, उसके बाद ही बायोमेट्रिक की प्रक्रिया की शुरूआत होगी।

जमीन खरीद की धोखाधड़ी पर लगेगी रोक-


बायोमेट्रिक जांच के माध्यम से सेलर, बायर और गवाह की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। इसमें सभी के आधार कार्ड का सत्यापन (Aadhaar Card Verification) होगा। इसके बाद वर्तमान और आधार फोटो कवला डीड में प्रिंट किया जाएगा। ऐसा करने से कोई भी बाद में यह दावा नहीं कर सकेगा कि उसने जमीन नहीं बेची या खरीदी नहीं गई है। इससे जमीन खरीद में धोखाधड़ी पर रोक लग सकेगी और जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे सभी डाटा आधार नंबर के साथ दर्ज होंगे।  इससे यह पता चल सकेगा कि किस आधार नंबर से जमीन कब और कहां बेची या खरीदी गई। इससे सत्यापन (property Registry rules in Bihar) कार्यालय पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

पारदर्शिता के साथ होगा काम -


ये प्रोसेस पूरा होने के बाद जिला उप निबंधक के स्तर पर दस्तावेजों (property Registry documents) को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत विक्रेता और गवाह के बीच सहमति भी होगी। यह सिस्टम (Land Registration) समय और पैसे की बचत के साथ कार्य की गति को भी बढ़ाएगा। अब पारदर्शिता के साथ काम होने के साथ अगर कोई व्यक्ति विभाग द्वारा दिए गए स्लॉट में जमीन का डीड (Deed of land) नहीं करा पाता है तो उसे नई तारीख दी जाएगी।

कर्मचारियों पर काम का दबाव होगा कम-


इस प्रक्रिया से जमीन निबंधन में समय की बचत होगी। समय से पहले ही लोग डॉक्यूमेंट्स को तैयार रखेंगे। अगर जमीन का पहले से निरीक्षण होगा तो आगे चलकर इसमें कोई कोई बाधा नहीं आएगी। अगर डाटा पहले से ही फीड होगा तो इससे निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा। इससे निबंधन की संख्या बढ़ेगी। साथ ही कोई एक्स्ट्रा राशि भी खर्च नहीं करनी पड़ेगी। इन बदलावों (New Rules of Land Registration) से फर्जीवाड़े की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा

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