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7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन के बदले नियम, जारी हुआ नोटिफिकेशन

7th Pay Commission : केंद्र सरकार ने अपने अधीन काम करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में अंशदान से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है. जिससे जान लेना कर्मचारियों (employees) के लिए बेहद जरूरी है...

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7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन के बदले नियम, जारी हुआ नोटिफिकेशन

My job alarm - NPS Rules: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन से जुड़े कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. नए नियमों के मुताबिक पहले की तरह कर्मचारियों को हर महीने अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में जमा करने की बात कही गई है, इसमें क‍िसी तरह का बदलाव नहीं है. इस पैसे को हमेशा निकटतम पूर्ण रुपये में दर्ज कराया जाएगा. 

एनपीएस क्‍या है?
न्‍यू पेंशन स्‍कीम (NPS) के तहत कर्मचारी की बेस‍िक सैलरी (Basic Salary) और महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को म‍िलाकर दस प्रतिशत पेंशन निधि के लिए काटा जाता है. इसके अलावा बेस‍िक सैलरी का 14 प्रत‍िशत योगदान सरकार करती है. न्‍यू पेंशन स्‍कीम शेयर मार्केट (share market) से ल‍िंक्‍ड है जिसका सीधा सा मतलब है क‍ि सरकारी कर्मचारी की पेंशन सीधे बाजार के उतार-चढ़ाव पर ड‍िपेंड करती है. र‍िटायरमेंट (Retirement) पर पेंशन प्राप्‍त करने के ल‍िए एनपीएस (NPS) का 40 प्रतिशत एन्‍युटी में न‍िवेश क‍िया जाना चाह‍िए. एनपीएस में र‍िटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन की पेशकश नहीं की जाती, ज‍िसको लेकर सरकारी कर्मचार‍ियों का व‍िरोध लंबे समय से चला आ रहा है.

प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों के ल‍िए कॉप्‍ट्रीब्‍यूशन जरूरी-
यद‍ि कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन की राशि में कोई गलती होती है तो उसे पेंशन अकाउंट में ब्याज के साथ जमा कर दिया जाएगा. अगर कर्मचारी अनुपस्थित रहते हैं या बिना सैलरी छुट्टी पर रहते हैं तो उन्हें उस अवध‍ि के ल‍िए एनपीएस अकाउंट में कॉन्‍ट्रीब्‍यूट (Contribution to NPS account)
नहीं करना होगा. अगर कर्मचारी को दूसरे विभाग या संगठन में भेज दिया जाता है तो उन्हें तब भी NPS में योगदान देना जारी रखना होगा, जैसे कि उन्हें ट्रांसफर (transfer) नहीं किया गया हो. प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी कॉप्‍ट्रीब्‍यूशन करना जरूरी है. यद‍ि कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन में देरी होती है तो प्रभावित कर्मचारियों को उनके योगदान के साथ ब्याज भी मिलेगा.

अगले साल लागू होगा यूपीएस-
आपको बता दें प‍िछले द‍िनों सरकारी कर्मचार‍ियों की मांग के बाद सरकार की तरफ से यून‍िफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) को पेश क‍िया गया था. इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू करने की बात कही गई है. इसके तहत पेंशन की फंड‍िंग की ज‍िम्‍मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी. इसमें सरकार कर्मचार‍ियों की बेसिक सैलरी का 18.5 प्रत‍िशत वहन करेगी.

गारंटीड पेंशन स्‍कीम होने के नाते इसमें कम से कम 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारी न्‍यूनतम 10,000 रुपये पेंशन पाने के हकदार होंगे. ग्रेच्युटी के अलावा यूपीएस में र‍िटायरमेंट (retirment) के समय एकमुश्त पैसा म‍िलता है. इसके तहत र‍िटायर होने वाले कर्मचारी आख‍िरी 12 महीने में एवरेज बेस‍िक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त करने के हकदार होंगे.

NPS और UPS में अंतर-

 एनपीएस शेयर बाजार (share market) पर आधारित है और गारंटीड पेंशन नहीं प्रदान करता, वहीं UPS में कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन दी जाएगी. UPS में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity) के साथ-साथ एकमुश्त राशि भी मिलेगी. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसकी सैलरी (salary) का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त होगा, जिससे उसका भविष्य सुरक्षित रहेगा.

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