7th pay commission : केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा झटका, पेंशन और ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव
7th pay commission : कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी और पेंशन बहुत मायने रखती है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए समय समय पर इससे संबंधित नियम बनते रहते हैं। केंद्र सरकार ने ग्रेच्यूटी और पेंशन (Gratuity And Pension Rule) के मुद्दे पर कुछ नया काम किया है। इससे सीधा सीधा असर आप कर्मचारियों पर पड़ने वाला है। जानिए खबर में

My job alarm (7th pay commission gratuity rules) : पिछले दिनों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा की गई। इस घोषणा से करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स (Pension Rule) को फायदा मिल रहा है। दूसरी और पेंशन और ग्रेच्युटी (Gratuity And Pension Rule) से संबंधित नियम में हुआ बदलाव कर्मचारियों को टेंशन दे सकता है।
सरकार का एक फैसला आया है, इससे केंद्रीय कर्मचारियों को जोरदार झटका लग सकता है। बात यह है कि सरकार ने ग्रेच्युटी और पेंशन (Gratuity And Pension Rule) से जुड़े नियम में बदलाव किया है। इसके तहत सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए सरकार ने चेतावनी जारी की है।सरकार की चेतावनी को नजरअंदाज करना कर्मचारियों को भारी पड़ सकता है।
जानिए क्या आया है सरकार का नया नियम
दिवाली से पहले सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (dearness allowance) की घोषणा की है। इस घोषणा से कर्मचारी खुश हैं। वहीं दूरी ओर कुछ समय पहले सरकार ने एक निर्देश भी जारी किया था, जिसमें कर्मचारियों को चेतावनी है। कार्यक्षेत्र में कोई भी कर्मचारी कोताही करता है तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। यह एक्शन होगा कि उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी (Gratuity And Pension Rule) रोकी जा सकती है। आइए पढ़ें इस नियम को और अपने जीवन में अपनाए।
जानिए कब होगी कार्रवाई
सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन (Central Civil Services) के नियम के अनुसार सरकार ने नोटिस (Notice) जारी किया है। नोटिश में कहा गया है कि अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपनी जोब के समय किसी प्रकार का कोई गंभीर अपराध या लापरवाही करता है तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन (Gratuity and pension) पर रोक लगा दी जाएगी। इसमें दोषी कर्मचारियों पर एक्शन लेने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए जा चुके हैं।
जानिए कौन ले सकता है इस पर फैसला
कर्मचारियों को ये नियम जरूर जान लेना चाहिए कि रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी (appointing authority) में शामिल प्रेसीडेंट को इस पर फैसला लेने का अधिकार होता है। वहीं विभाग से संबंधित मंत्रालय या विभागीय सचिव भी इस पर फैसला ले सकता है। यानि जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति हुई हो व ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर कर्मचारी को कैग (CAG) के अनुसार दोषी पाया जाता है तो इसमें रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी (Gratuity and pension) रोकने का अधिकार उपरोक्त मेंशन की गई अथॉरिटिज को है। वहीं बता दें कि अगर नौकरी के दौरान कर्मचारियों पर कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना आवश्यक है।
यहां भी लागू होगा ये कानून, पैसे वापस देने पड़ते हैं
अगर सेवानिवृत्त कर्मचारी ठेके पर भी लगा है तो भी ये नियम लागू होगा। बता दें कि सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन या ग्रेच्युटी ले चुका है तो भी बाद में वो दोषी (Guilty) पाया जाता है तो उससे पूरी या आंशिक राशि वापस ली जा सकती है।
फैसले से पहले लेना होगा सुझाव
बता दें कि नयमों (Rules for pention) में किसी भी आदेश पर पहुंचने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का सुझाव लेना जरूरी है। इस नियम की खास बात यह है कि जहां पेंशन रोकी जाएगी, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये हर महीने होनी चाहिए।