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7th Pay Commission : 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा, डबल होगी बेसिक सैलरी

7th Pay Commission Update : बीते दिनों ही केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा (DA Hike) करने का ऐलान किया है। महंगाई भत्ते में इस इजाफे के बाद  DA बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। इससे पहले इसी साल मार्च में 4 प्रतिशत का डीए (Dearness Allowance) हाइक मिला था।  केंद्र और राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के असर से निजात दिलाने के लिए महंगाई भत्ता यानी डीए देती है। दूसरी ओर, इसी मकसद से पेंशनधारकों को जो राहत दी जाती है उसे महंगाई राहत यानी डीआर कहा जाता है। आमतौर पर महंगाई भत्ते में 2 बार यानी जनवरी और जुलाई में इसमें बढ़ोतरी का एलान किया जाता है। फिलहाल एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनधारकों को इसका लाभ मिल रहा है। 

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7th Pay Commission : 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, डबल होगी बेसिक सैलरी

My job alarm (7th Pay Commission) : केंद्र महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक और बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में तगड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। 

 

सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को अब केंद्र सरकार की ओर से खुशखबरी मिलने वाली है। उनका लंबे समय से आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर किया जा रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है। बता दें कि 1 जनवरी 2016 से देश में सातवां वेतन आयोग लागू किया गया था, जिससे देश के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों (Government Employees ) व पेंशनर्स को लाभ पहुंचा था। 

आमतौर पर 10 साल बाद नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनर्स की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से देश में 8वां वेतन आयोग लागू कर सकती है। 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Basic salary) और न्यूनतम पेंशन में बड़ा बदलाव हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नए वेतन आयोग (new pay commission) पर जल्द फैसला होने वाला है।

 

 

8वें वेतन आयोग

 

बता दें कि जिस प्रकार हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग (New Pay Commission) लागू करने का प्रावधान है। उसके अनुसार सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अभी तक आठवें वेतन आयोग को लेकर किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसी को लेकर कर्मचारी असमंजस में हैं कि इस बार 10 साल में नया वेतन आयोग लागू होगा या नहीं। 
हालांकि, बीते एक वर्ष के दौरान कर्मचारी यूनियन के नेता कई बार सरकार से 8वें वेतन आयोग की स्थिति स्पष्ट (8th pay commission status) करने की मांग भी कर चुके हैं। वहीं बजट के बाद जब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन से 8वें वेतन आयोग को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस काम के लिए हमारे पास काफी समय है। 

 

 

इतनी हो जाएगी न्यूनतम सैलरी और पेंशन


जैसे ही 8वें वेतन आयोग लागू (8th pay commission kab lagu hoga) हुआ और कर्मचारी यूनियनों की मांगें मान ली गई तो कर्मचारियों के ठाठ हो जाएंगे। मांग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को 1.92 किया जाता है तो सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगी मतलब की केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी करीब डबल हो जाएगी और न्यूनतम पेंशन 17,280 रुपये (DR Hike) हो जाएगी। इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई से तो राहत मिलेगी ही, साथ ही उनका इकॉनोमिक स्टेटस भी मजबूत होगा।

आठवें वेतन आयोग के बाद पेंशन की गणना


नई पेंशन स्कीम यूपीएस के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के औसत मासिक वेतन (basic salary) का 50 प्रतिशत निर्धारित की जाएगी। 2004 में भर्ती हुए कर्मचारी 2029 में सेवानिवृत्त होंगे। कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th pay commission) अगर 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में लागू होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 34560 रुपये होने का अनुमान है, जबकि अधिकतम वेतन 4.8 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। 
सरकारी कर्मचारियों को जनवरी 2029 तक उनके वेतन पर पांच महंगाई भत्ते बढ़ोतरी भी मिल सकती है। प्रत्येकसंशोधन में 4 प्रतिशत की वृद्धि मानते हुए 2029 तक महंगाई भत्ते (DA Hike) की कुल वृद्धि मूल वेतन का 20 प्रतिशत तक होगी, इसलिए 34,560 रुपये के वेतन के लिए 20 प्रतिशत डीए में 6912 रुपये जुड़ेंगे, इस वेतन राशि वाले व्यक्ति को 20736 रुपये की पेंशन मिल सकती है, क्योंकि इसकी गणना लेवल 1 वालों के लिए मूल वेतन (basic salary) और डीए के 50 प्रतिशत के रूप में की जाती है। 

 


कर्मचारियों की यह मांग रह गई थी अधूरी

 

जब 6वें वेतन आयोग (6th Pay Commission) से कर्मचारियो के वेतन व अन्य भत्तों (DA hike)को 7वें वेतन आयोग में शिफ्ट किया गया तो कर्मचारी यूनियनों ने फिटमेंट फैक्टर को 3.68 रखने की मांग की थी, ताकि उनकी सैलरी में बढ़ोतरी (8वां वेतन आयोग) अधिक हो और सैलरी रिवीजन की मांग भी उस दौरान की गई थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और सरकार ने फिटमेंट फेक्टर को 2.57 ही रखा। 


हालांकि, उस समय लागू किए गए फिटमेंट फैक्टर से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी। तब कम से कम पेंशन भी 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये पहुंच गई थी। 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के लागू होने के बाद तब कार्यरत यानी नौकरी कर रहे कर्मचारियों की अधिकतम सैलरी 2.50 लाख रुपये के आंकड़े को छू गई थी और अधिकतम पेंशन भी 1.25 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। अब फिर से कर्मचारी अपनी मांग के अनुसार फिटमेंट फेक्टर (fitment factor) के लागू होने की उम्मीद कर रहे हैं।

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