New Traffic Rules : ट्रैफिक नियमों को लेकर सरकार का बड़ा कदम, अब लगेगा डबल जुर्माना
My job alaram - समय-समय पर सरकार की ओर से अनुशासन को स्थापित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए जाते है। सड़क सुरक्षा के नियमों को अब लोगों ने गंभीरता से लेना छोड़ दिया है। लोग अंधाधुंध यातायात के नियमों को उल्लंघन करते है। लेकिन अभी हाल ही में सरकार ने स्कूल बसों में सफर करने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतू कुछ जरूरी कदम उठाए है। केंद्र सरकार इनसे जुड़े ट्रैफिक नियमों (traffic rules) के उल्लंघन के मामलों में और भी कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। जिसके तहत जुर्माने की राशि को दोगुनी किया जा सकता है ताकि स्कूल बस चलाने वाले ड्राइवरों को उनकी ड्यूटी के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जा सके और वो ज्यादा जिम्मेवार बने।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय मोटर वाहन कानून (motor vehicle law) में इस तरह के कुछ संशोधन लाने की पूरी तैयारी कर रहा है। इसके लिए मंत्रालय को इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रही एक समिति की सिफारिशों पर भी अमल करना है, जिसने सड़क सुरक्षा के संदर्भ में स्कूली बसों पर और अधिक ध्यान देने की अपेक्षा की है। बता दें कि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जुर्माने की राशि दोगुनी करने के पीछे मकसद ये है कि शैक्षणिक संस्थानों में संचालित की जा रही बसों के मालिकों को भी सख्त संदेश दिया जा सके, जिससे कि उन्हे आपने काम की गंभीरता का एहसास हो और वो जिम्मेवारी पूवर्क अपने कर्तव्यों का निर्वाहण करें।
चल रही है बसों की फिटनेस परीक्षण में हेराफेरी
आजकल बहुत ज्यादा सड़क हादसों की जानकारी सामने आती रहती है। ऐसा कुछ हद तक नियमों के उल्लंघन के कारण ही होता है। रेड लाइट अनुचित तरीके से पार करना, सीमा से अधिक गति और लेन उल्लंघन जैसे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण बड़े हादसे हो जाते हैं। इन पर ही रोक लगाने के लिए जरूरी है कि जागरूकता बढ़ाने के उपायों के साथ-साथ सख्त सजा का भी लोगों में डर हो। बसों की फिटनेस परीक्षण में भी धांधली होती है। इसी तरह रोड परमिट के मामले में भी मनमानी की जाती है। इन्ही सब को रोकने के लिए अब सरकार पूरी सख्ती दिखाने वानी है।
स्पीड लिमिट को लेकर फैसला
जानकारीह हेतू बता दें कि इन सभी विषयों को संशोधन के प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रालय हाईवे और एक्सप्रेस वे में स्पीड लिमिट को लेकर विशेषज्ञ समिति की इस सिफारिश पर भी अमल करने की तैयारी में है कि राज्यों को एनएचएआई के साथ परामर्श के बाद ही स्पीड लिमिट में कोई परिवर्तन करने की छूट होनी चाहिए। अन सब पर अभी सरकार का विचार चल रहा है।