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Tree Farming : मालामाल कर देगी इस पेड़ की खेती, 5 साल में होगी 80 लाख की कमाई

Farming Tips :  भारत में बड़ी आबादी की आमदनी का जरिया खेती है। देश में करोड़ों लोग खेती किसानी से अपनी आजीविका चला रहे हैं।  लेकिन, देश में आज भी ऐसे किसानों की संख्या काफी अधिक है, जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। किसानों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा कई स्कीमें भी चलाई जा रही हैं लेकिन फिर भी किसानी के हालात अच्छे नहीं है। ऐसे में हम आपको पेड़ों के व्यवसाय (tree cultivation) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके जरिये अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। 
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Tree Farming : मालामाल कर देगी इस पेड़ की खेती, 5 साल में होगी 80 लाख की कमाई

My job alarm (Tree Farming) : जरूरी नही है कि खेती सिर्फ गेहूं, धान इत्यादि की ही की जाए। अगर आप खेती के जारिए पैसा कमाना चाहते है तो ऐसी बहुत सी चीजें है जिसकी खेती कर आप लाखों कमा सकते (business idea) है और उस फसल को ज्यादा रख-रखाव की भी आवश्यक्ता नही होती है। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसा ही कुछ बताने वाले है। आज हम आपको उस पेड़ के बारे में बताएंगे जो कि आपको कुछ ही सालों में मालामाल कर (farming business idea) देगा।

 

ये है नीलगिरी यानी (Eucalyptus) की खेती। इस खेती को देश के किसी भी हिस्से में किया जा सकता है।  हर जगह इस पेड़ को लगाया जा सकता है। इस पेड़ की खेती (tree cultivation) कर आप अच्छा खास पैसा कमा सकते है। नीलगिरी के पेड़ की खेती गांवों में ठीक-ठाक स्तर पर देखी जा सकती है जबकि पिछले कुछ वक्तों में इसकी खेती को लेकर किसानों की रुचि में कुछ कमी देखी गई है। इस खेती से आप आसानी से अपने लखपति बनने का सपना पूरा कर सकते है। 


अब अगर बात करें किसानों में इस फसल की कम रूचि की तो एक्सपर्ट का तो ये कहना है कि इसके पीछे किसानों की रूचि वजह नही है बल्कि किसान अभी इसकी खेती को लेकर इतने जागरूक ही नही है। अगर नीलगिरी के पेड़ (eucalyptus trees) की खेती को दुरुस्त तरीके से किया जाए तो बेहद कम वक्त में लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमाया जा सकता है। साथ ही इस पेड़ में अन्य फसलों के मुकाबले मेहनत की आवश्यकता भी नहीं लगती। इसके अलावा नीलगिरी के पेड़ को रखरखाव (Eucalyptus tree maintenance) और देखभाल की खास जरूरत नहीं पड़ती है। तो आप इसे बिना सिर दर्द समझे आसानी से कर सकते है। 


इस पेड़ के बारे में बता दें कि नीलगिरी या सफेदा के पेड़ (Eucalyptus tree) से अच्छे प्रकार की इमारती लकड़ी प्राप्त होती है, जो जहाज बनाने, इमारती खंभे, अथवा सस्ते फर्नीचर के बनाने में काम आती है। इसकी पत्तियों से एक शीघ्र उडऩेवाला तेल, यूकेलिप्टस तेल, निकाला जाता है, जो गले, नाक तथा पेट की बीमारियों, या सर्दी जुकाम में औषधी के रूप में प्रयुक्त होता है। इस पेड़ से एक प्रकार का गोंद भी प्राप्त होता है। पेड़ों की छाल कागज बनाने और चमड़ा बनाने के काम में आती (The bark of trees is used for making paper and leather.) है। इस तरह देखा जाए तो हर जगह इस्तेमाल में आने के कारण इसकी डिमांड भी काफी रहती है। 


नीलगिरी की खेती करने के लिए जानिये ये जरूरी बातें


अगर आपने भी इस पेड़ की खेती करने का विचार बना ही लिया है तो आपको बता दें कि नीलगिरी की खेती (Eucalyptus cultivation) के लिए अच्छे जल निकास वाली भूमि की आवश्कता होती है। इस पौधे का विकास बीजों और कलम दोनों से ही किया जा सकता है। चूंकि इसके पौधे काफी लंबे होते हैं इसलिए प्राय: इन्हें जमीन में ही रोपा जाता है। पौधे के उचित विकास के लिए इन्हें पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश, हवा और पानी की आवश्यकता होती है।

 

जानकारी के लिए बता दें कि भारत में नीलगिरी की मुख्य रूप से 6 प्रजातियां (Mainly 6 species of Eucalyptus) पाई जाती है। जिनकी अधिकतम उंचाई 80 मीटर तक होती है। इन किस्मों में नीलगिरी ऑब्लिव्का, नीलगिरी डेलीगेटेंसिस, नीलगिरी डायवर्सीकलर, नीलगिरी निटेंस, नीलगिरी ग्लोब्युल्स और नीलगिरी विमिनैलिस प्रमुख हैं।


नीलगिरी के पौधे के बारे में जानकारी देते हुए कृषि विधायनिकी अधिकारी उपेंद्र नाग ने बताया कि नीलगिरी के पौधे को तैयार होने में समय लगता है। इसलिए शुरूआत में पहले इसके लिए नर्सरी तैयार की जाती है और फिर एक साल बाद इसे खेत में लगाया जा सकता है। नर्सरी में सफेदा की पौध तैयार करने के लिए इसके बीजों को पॉलीथीन में उगाया जाता है। जिसमें गोबर खाद मिली मिट्टी भरी होती है। इसकी पौध 5 से 6 महीने में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। लेकिन एक साल पुरानी पौध ही खेत में लगानी (farming business idea) चाहिए।


कितना आएगा खर्च?
अगर आपको ये लगता है कि लाखों में कमा कर देने वाला ये पौधा आपको बहुत महंगा पड़ेगा तो आपकी इस गलतफहमी को दूर करने के लिए बता दें कि नीलगिरी की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता है। एक हेक्टेयर में इसके करीब 3 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। नर्सरी में ये पौधे 7-8 रुपए में मिल जाते हैं। ऐसे में इनकी खरीद में करीब 21 हजार रुपए का खर्च आता है। अन्य खर्चों को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 25 हजार रुपए का खर्च आएगा।

4 से 5 साल बाद हर पेड़ से करीब 400 किलो लकड़ी मिलती है। यानि 3000 पेड़ों से करीब 12,00,000 किलो लकड़ी मिलेगी। यह लकड़ी बजार में 6 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकती है। ऐसे में इसको बेचने पर करीब 72 लाख रुपए कमा सकते हैं। अगर कुछ और खर्च निकाल दिया जाए तो इसकी खेती से आप कम-से-कम 60 लाख रुपए 4 से 5 साल में कमा सकते (income from eucalyptus farming) है।

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