My job alarm

Tree Farming : इस पेड़ की खेती किसानों को कर देगी मालामाल, सरकार भी करेगी मदद

Banana Farming : सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हुई हैं। आधुनिक दौर में किसान पेड़ों की खेती करने लगे हैं। इस खेती से उनको ज्यादा मुनाफा होने लगा है। सरकार भी ऐसे किसानों को आगे बढ़ा रही है। इसी तरह की खेती में केले की खेती भी गिनी जाती है। इसके लिए सरकार भी मदद कर रही है। ऐसे में किसान केले की खेती से ज्यादा मुनाफा ले सकते हैं।

 | 
Tree Farming : इस पेड़ की खेती किसानों को कर देगी मालामाल, सरकार भी करेगी मदद 

My job alarm (ब्यूरो)। वैसे तो हर राज्य में खेती करने के तौर तरीके अब बदलते जा रहे हैं। अधिकतर किसान आधुनिक तकनीकों पर आधारित ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती करने लगे हैं। इनमें बागवानी और पेड़ों की खेती (Tree Farming  Tips) शामिल हैं। कृषि वानिकी की ओर भी किसानों का रुझान बढ़ा है। फिलहार बिहार सरकार (Bihar News) केले की खेती (Kele Ki Kheti) करने वाले किसानों की मदद कर रही है। ऐसे में आप यह खेती करके दोहरा फायदा उठा सकते हैं।

स्कीम का फायदा उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी


केले की खेती और पौधे के रखरखाव के लिए किसानों को राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बिहार के समस्तीपुर जिले के कई किसान इस योजना फायदा लेकर मालामाल हो रहे हैं। योजना के अनुसार केले के पौधे (Kele Ki Kheti Kaise Kren) के रखरखाव के लिए किसानों को उनके खाते में किस्त के रूप में पैसे भेजे जाते हैं।

लेकिन किसान के खेत में 90 प्रतिशत केला का पौधा जिंदा रहना चाहिए। तभी उन्हें 15 हजार 625 रुपए किस्त के रूप में मिलेंगे। इस स्कीम (Kele Ki Kheti ke Liye Scheme) का फायदा उठाने के लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पोर्टल से आवेदन प्राप्त कर आगे की प्रक्रिया विभाग पूरी करेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान डीबीटी पोर्टल पर अपना पंजीयन (Registration For Banana Farming )करवा सकते हैं। 

किसान के पास इतनी जमीन होनी जरूरी


डीबीटी पोर्टल(DBT Portal) पर पंजीयन करने के बाद किसानों को किसान रजिस्ट्रेशन नंबर (Kele Ki Kheti Se Labh) मिलेगा। इस रजिस्ट्रेशन (DBT Portal Par Registration Kaise hoga) की मदद से आवेदन किया जा सकेगा। केले की खेती करने के लिए किसान के पास कम से कम 25 डिसमिल एवं अधिकतम 4 हेक्टेयर जमीन होना अनिवार्य है। वर्ष 2023- 24 में समस्तीपुर जिले के ताजपुर, वारिसनगर, विभूतिपुर, खानपुर इलाकों में टीशू कल्चर के माध्यम से 150 हेक्टेयर में केले की खेती करके किसान फायदा ले चुके हैं।


किसानों को दिया जाता है प्रशिक्षण


केले की उन्नत खेती (Varieties of Banana) के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अगली बार से मालभोग, चीनिया, बतीसा केले का पौधा देने का प्रयास किया जाएगा, ताकि लोकल किस्म के केले को भी संरक्षित किया जा सके। इसके लिए उद्यान विभाग भी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं विभाग वर्ष 2024-25 में 250 हेक्टेयर में केले की खेती का लक्ष्य रखने का प्रयास कर रहा है। केले की खेती (Kele ki Kheti se Fayda)में प्रति हेक्टेयर करीब 1 लाख 25 हजार रुपये की लागत आती है। प्रति हेक्टेयर करीब 3 हजार पौध लगते हैं।

प्रति हेक्टेयर की खेती पर इतना आता है खर्च 


11 से 16 माह में इस फसल से यदि तीन हजार पौधे (Kele Ke Podhe Kaha Milenge) भी तैयार हुए तो प्रति पेड़ से मिलने वाले ढाई सौ से तीन सौ रुपये के केले के हिसाब से साढ़े सात से आठ लाख रुपये का उत्पादन होगा। इस खेती का यह भी फायदा है कि दूसरे व तीसरे वर्ष में पौध आदि नहीं लगानी पड़ेगी और उपज हासिल होती रहेगी। 


सरकार व विभाग की ओर से प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर आने वाली लागत पर 62 हजार 5 सौ अनुदान (Kele Ki Kheti Par Subsidy Kitni Milti h)तय किया गया है। बता दें कि अनुदान (Kele Ki Kheti Par Subsidy) की प्रथम किस्त 46 हजार 875 रुपये पौधे देने वाली कंपनी को दी जाती है।एक हेक्टेयर में रोपे जाने वाले केले के पौधे सहित उर्वरक, दवा, सिंचाई आदि को लेकर 1 लाख 25 हजार रुपये की खर्च होते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now