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Business Idea : इस पेड़ की खेती से बरसेंगे नोट, कम लागत में है मोटा मुनाफा

Chinar Ki Kheti : फसलों की बजाय पेड़ों की खेती करना किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। अनेक किसान इस खेती को बिजनेस के रूप में अपनाए हुए हैं। खास बात तो यह भी है कि पेड़ों की खेती करने के साथ-साथ बीच में फसलों को भी उगाया जा सकता है। इस तरह से किसान दोहरा मुनाफा ले सकते हैं। जानिये यहां पर ऐसा ही एक आइडिया जो आपको मालामाल कर सकता है।

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Business Idea : इस पेड़ की खेती से बरसेंगे नोट, कम लागत में है मोटा मुनाफा

My job alarm (ब्यूरो)। खेती को अब बहुत से किसान बिजनेस के रूप में देखने लगे हैं। कई तरह की खेती ऐसी हैं जो उन्हें किसान से बिजनेसमैन बना रही हैं। ऐसी ही एक खेती है चिनार के पेड़ की खेती (Poplar Tree Farming )। इस पेड़ी की लकड़ी की हमेशा डिमांड बनी रहती है। इस खेती से किसान अच्छा खासा मुनाफा लेकर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। यहां पर जानिये इस खेती को करने का सही तौर तरीका (Chinar Ki Kheti kaise kren) और इससे होने वाले मुनाफे के बारे में।

पेड़ों के साथ-साथ दूसरी फसलें उगाकर ले सकते हैं दोहरा मुनाफा


किसान अपने खेतों में चिनार के पेड़ उगाकर अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं। इस पेड़ की बाजार में 12 महीने डिमांड रहती है, जिस कारण इसकी लकड़ी महंगी बिकती है। इससे कई चीजें बनाई जाती हैं। चिनार के पेड़ को पॉपलर का पेड़ (Poplar Tree Farming ) भी कहते हैं। इसकी लकड़ी प्लाईवुड और बोर्ड बनाने में काम आती है। इन पेड़ों के साथ ही आप दूसरी खेती भी कर सकते हैं। चिनार के पेड़ उगाने के साथ ही आप खेत में दूसरी फसलें जैसे गेहूं, आलू, टमाटरक, गन्ना, हल्दी आदि उगा सकते हैं। चिनार की खेती (Chinar Ki Kheti krne ka tareeka) दो पेड़ों के बीच 12 से 15 फीट की दूरी रखते हुए की जाती है, इस लिए अन्य फसलों के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है।

 
यहां काम आती है चिनार की लकड़ी


चिनार एक पर्णपाती पेड़ है, इसकी लकड़ी (poplar wood) और छाल का उपयोग प्लाईवुड, बोर्ड, माचिस की तीलियां, सजावटी सामान, स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स और पेंसिल बनाने में होता है। इसलिए हर वक्त इसकी डिमांड (Chinar Ki Lakdi ki Keemat) बनी रहती है। भारत में चिनार का पौधा 5 से 7 साल में 85 फीट या उससे अधिक ऊंचाई तक बढ़ सकता है। प्रमुख चिनार उत्पादक राज्यों में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

चिनार की उन्नत किस्में

चिनार की उन्नत किस्मों में एल-51, एल-74, एल-188, एल-247, जी-3, जी-48 आदि शामिल हैं। चिनार के नए पौधे कटिंग विधि से सफलतापूर्वक तैयार किए जा सकते हैं। इन किस्मों की उचित जलवायु में अच्छी पैदावार होती है तथा किसान को पूरा मुनाफा देती है। 

रोपाई करने का तरीका

उपजाऊ मिट्‌टी और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी चिनार के पौधे के लिए बेस्ट मानी जाती है।  इसे कलमों द्वारा 2-2 फीट दूरी पर नर्सरी में लगाया जाता है और अगले वर्ष पौधों को खेत (Chinar Ki Kheti) में लगा सकते हैं। इन पौधों को रोगों से बचाना जरूरी है। इसके लिए नर्सरी में कमलें लगाने से पहले कैप्टॉन या डायथेन (0.3%) घोल में डुबोएं। चिनार के पौधों को 3 फीट गहरे गड्ढे खोदकर ऊपर की आधी मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर भरें और पूरा पानी लगाएं। इससे इनकी बढ़वार सही (Chinar Ki Kheti kaha) और जल्दी होगी। इन पौधों को मेड़ों पर लाइन में 10 फीट दूरी पर लगाएं। साथ ही सिंचाई नाली के दोनों ओर लाइन में 7 फीट का अंतर रखें। इन पौधों को खरीदने के लिए आपको कुछ लागत वहन करनी पड़ेगी।

5 साल बाद कमाई का नहीं रहेगा घाटा

चिनार के पेड़ों से आपको 5 से 7 साल में कमाई (Chinar Ki Kheti se kitni kmayi ho skti h) होनी शुरू हो जाएगी। इसके बाद आपका मुनाफा बढ़ता चला जाएगा। 12 माह डिमांड होने के कारण इस पेड़ की लकड़ियां 800 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकती है। एक एकड़ में चिनार के 225 पेड़ लगाए जा सकते हैं। 


इस तरह एक एकड़ में आपको 6 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। यदि पेड़ की परिधि 34 से 36 इंच के बीच है, तो एक पेड़ से 4000 रुपये तक की कमाई की जा सकती है। अगर आपके पास 5 एकड़ भी जमीन है, तो आपकी कमाई 45 लाख (Ek ekad me Chinar Ki Kheti se Profit) तक बढ़ जाएगी। साथ में की गई दूसरी फसलों की कमाई आएगी वो अलग।

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